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निरीक्षण के बावजूद नहीं बदल रही अफसरों की कार्यशैली

छपरा (सदर) : प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वरलाल ने सारण प्रमंडल के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की ड्यूटी एवं कार्यालय की कार्यशैली बदलने के लिए अपना कार्यभार संभालने के साथ ही प्रयास शुरू कर दिया. कार्यभार संभालने के बाद सर्वप्रथम उन्होंने अपने कार्यालय परिसर के कर्मचारियों के कार्यालय में आगमन-प्रस्थान को तो अपने प्रयास से ठीक […]

छपरा (सदर) : प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वरलाल ने सारण प्रमंडल के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की ड्यूटी एवं कार्यालय की कार्यशैली बदलने के लिए अपना कार्यभार संभालने के साथ ही प्रयास शुरू कर दिया. कार्यभार संभालने के बाद सर्वप्रथम उन्होंने अपने कार्यालय परिसर के कर्मचारियों के कार्यालय में आगमन-प्रस्थान को तो अपने प्रयास से ठीक कर लिया. परंतु प्रमंडल के विभिन्न जिला एवं प्रखंड स्तर के कार्यालयों की कार्यशैली के लिए गठित प्रमंडल स्तर के पदाधिकारियों की तीन अलग-अलग टीम गठित कर कार्यालयों का औचक निरीक्षण कराने का कार्य शुरू किया.

पदाधिकारियों की तीन अलग-अलग टीम विगत ढाई महीने में सारण तथा सीवान के दर्जन भर प्रखंडों के लगभग एक सौ कार्यालयों तथा जिला कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया. यही नहीं इस दौरान कम से कम ढाई सौ से ज्यादा पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को छपरा सदर, मांझी, एकमा, जलालपुर, नगरा, गड़खा, रिविलगंज, दरौंधा, दिघवारा प्रखंड के बीडीओ, सीओ कार्यालय तथा अन्य कार्यालय तथा जिला स्तर के पथ निर्माण विभाग तथा गंडक कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर अनुपस्थित पाया था.

यहीं नहीं इस दिशा में प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा जिला प्रशासन पत्र भेज कर संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मियों पर विधिवत कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. परंतु, अब तक एक तो जिला स्तर पर ऐसे कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के विरूद्ध हुई कार्रवाई की प्रगति जहां शून्य है. वहीं कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के कार्य शैली में भी कोई बदलाव नहीं दिख रहा.

कर्मचारी एवं पदाधिकारियों की कमोबेश अपने दायित्वों के प्रति उदासीनता व लापरवाही तथा कथित रूप से प्रशासनिक भय की कमी का ही परिणाम है कि प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा गठित तीन अलग-अलग टीमों के समय-समय पर जांच करने के बावजूद कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों के कार्यशैली में बदलाव नहीं आ रहा है. हालांकि जिला स्थापना शाखा के पदाधिकारी बताते है कि प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा विभिन्न जांच रिपोर्ट में भेजे गये पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के संबंध में अपने स्तर से जवाब-तलब व जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई कर निर्देश दिया गया है.

ऐसी स्थिति में प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा गत टीम के बाद स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न विभागों के पदाधिकारी को जांच कर कार्रवाई करने का जिम्मा दिया गया है. जिससे दोषी पाये जाने वाले पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सके. शनिवार को प्रमंडलीय आयुक्त की जांच टीम के औचक निरीक्षण के दौरान दिघवारा प्रखंड में विभिन्न कार्यालयों में 85 फीसदी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों की अनुपस्थिति में इस बात को साबित कर दिया है कि कनीय पदाधिकारी एवं कर्मचारी प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा गठित जांच टीम के निरीक्षण रिपोर्ट से भयभीत नहीं है.

तभी तो ढाई माह से चल रहे लगातार निरीक्षण के बावजूद कार्यालयों में कर्मचारियों एवं पदाधिकारियों की मनमाने ढंग से उपस्थिति का अनुपात लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जो कनीय पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों में प्रशासनिक भय एवं कार्रवाई से बेपरवाही को दर्शाता है. प्रमंडलीय आयुक्त के द्वारा विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड स्तर के कार्यालयों एवं जिला स्तर के कुछ कार्यालयों के कर्मचारियों की निरीक्षण के दौरान अनुपस्थिति के संबंध में जांच रिपोर्ट भेजी गयी है. आयुक्त के निर्देश के आलोक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों को जांच का जिम्मा दिया गया. पदाधिकारियों से जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही जिला स्थापना शाखा आवश्यक कार्रवाई कर पायेगा. मो. उमैरवरीय उप समाहर्ता, स्थापना, सारण

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