17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चमक-दमक ने सांस्कृतिक कार्यक्रम को किया फीका

किसी पूजा समिति ने नहीं किया सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन दरभंगा : वरात्र समाप्त हो गयी. लोग गाजे-बाजे व तामझाम के साथ मैया की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया. अपने गुनाहों की माफी मांगी और अगले साल पुन: भव्य आयोजन का प्रण किया. आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही की मंदिर के सजावट प्रतियोगिता […]

किसी पूजा समिति ने नहीं किया सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

दरभंगा : वरात्र समाप्त हो गयी. लोग गाजे-बाजे व तामझाम के साथ मैया की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया. अपने गुनाहों की माफी मांगी और अगले साल पुन: भव्य आयोजन का प्रण किया. आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही की मंदिर के सजावट प्रतियोगिता में दुर्गा पूजा की सांस्कृतिक पहचान खत्म हो गयी. किसी दौर में इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रतियोगिता हुआ करती थी. लोगों में जानने की उत्सुकता रहती थी कि किस पूजा समिति में कौन से कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. हर प्रकार के श्रोताओं के लिए हर तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का इंतजाम पूजा समिति की ओर से हुआ करता था. ऐसी बात नहीं है कि उस समय मंदिर की साज-सज्जा नहीं होती थी.
उस समय भी मैया का दरबार सजाने के लिए दूसरे प्रदेशों के कलाकारों को आमंत्रित किया जाता था, लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए भी मुंबई, कोलकाता, इलाहाबाद, दिल्ली, बनारस के कलाकार यहां आते थे. इतिहास रहा है कि जो कलाकार केएम टैंक, मुसासाह स्कूल आदि में पूजा के अवसर पर अपना जलवा विखेरते थे.
उसका नाम देश दुनियां में फैल जाता था. शारदा सिंहा हो, स्व. विस्मिल्ला खां, विदुर मल्लिक, राम चतुर मल्लिक, रीता गांगुली, संतजी महाराज, रुपा गांगुली, अमरजी झा के अलावा कई अन्य भोजपूरी, मैथिली गायक यहां के मंच से काफी ऊपर तक उठे. इस बार किसी पूजा समिति की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया गया. लोगों को पंडालों की चमक-दमक से आकर्षित करने का प्रयास ही पूजा समितियों करती रही.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें