नयी दिल्ली : सब्जी, दलहानों और दूध तथा अंडों के सस्ता होने से खुदरा मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति सितंबर में घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गयी. यह इसका 13 महीने का न्यूनतम स्तर है. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में 5.05 प्रतिशत थी. पिछले साल सितंबर में 4.41 प्रतिशत थी. इससे पहले, अगस्त 2015 में यह 3.74 प्रतिशत के न्यूनतम स्तर पर थी. रिजर्व बैंक प्रमुख नीतिगत दर पर फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है. उसे खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ की सीमा के साथ 4.0 प्रतिशत के ईद-गिर्द रखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
सरकार द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार सितंबर में सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 7.21 प्रतिशत घटे. अगस्त में सब्जियों के वर्ग में महंगाई दर 1.02 प्रतिशत थी. सब्जियों की तरह दाल-दलहनों, अंडा और दूध एवं उसके उत्पाद खुदरा भाव भी सितंबर में नरम हुए। मांस तथा मछली की मुद्रास्फीति भी सितंबर में 5.83 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने के मुकाबले मामूली रूप से कम है. हालांकि फलों की कीमतों में पिछले महीने तेजी आयी.
कुल मिलाकर उपभोक्ता खाद्य कीमत सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति पिछले महीने 3.88 प्रतिशत पर आ गयी जो अगस्त में 5.91 प्रतिशत थी. हालांकि ईंधन और बिजली खंड में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति सितंबर महीने में बढ़कर 3.07 प्रतिशत रही जो अगस्त में 2.49 प्रतिशत थी.
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार शहरी क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति आलोच्य महीने में 3.64 प्रतिशत रही जो इससे पूर्व महीने में 4.22 प्रतिशत थी. ग्रामीण क्षेत्रों में महंगाई दर सितंबर महीने में 4.96 प्रतिशत थी जो अगस्त में 5.87 प्रतिशत थी.
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