राज्य सरकार की पूरी तैयारी धरी की धरी रह गयी
वर्ग नवम की परीक्षा की सरकार को नहीं रही चिंता
सीतामढ़ी : जिले के कक्षा नवम के छात्र-छात्राओं की फाइनल परीक्षा नहीं हो सकी. बावजूद उनका नामांकन दशम वर्ग में कर लिया गया. राज्य सरकार की लापरवाह कार्यशैली का इससे बड़ा नमूना शायद ही कुछ होगा.
टॉपर घोटाले की जांच में उलझ जाने से सरकार को याद नहीं रही कि कक्षा नवम के छात्रों की फाइनल परीक्षा होनी है. शिक्षा विभाग के स्तर से परीक्षा की तैयारी की गयी, पर बाद में सब तैयारी धरी की धरी रह गयी. बावजूद सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार का ढ़िंढ़ोरा पीटती रही है.
यह पहली बार है कि जिले के कक्षा नवम के बच्चों को परीक्षा से वंचित रहना पड़ा है. साथ ही पहली बार सुना गया है कि बिना परीक्षा के ही बच्चों का अगली कक्षा में नामांकन कर लिया गया.
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़: जानकारों की मानें तो कक्षा नवम के छात्र-छात्राओं का परीक्षा नहीं लिया जाना उनके भविष्य के साथ बड़ा खिलवाड़ है. परीक्षा नहीं होने से न तो बच्चे यह समझ पाये होंगे कि उसकी तैयारी किस हद तक है. अभिभावकों को भी पता नहीं चल पाया होगा कि उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में एक वर्ष तक किस हद तक पठन-पाठन कराया गया. जानकार यहां तक कहते हैं कि छात्र-छात्राओं का रिजल्ट बेहतर नहीं होता, इसी के चलते शिक्षामंत्री डॉ अशोक चौधरी ने परीक्षा को स्थगित कर दिया. बता दें कि जिले के स्कूलों में अध्ययनरत रहे कक्षा नौ के 43179 बच्चों को सरकार ने परीक्षा से वंचित कर दिया. कक्षा नौ में हजार से अधिक छात्र-छात्रा वाले स्कूलों में क्रमश: कमला बालिका हाइस्कूल डुमरा, एमआरडी गर्ल्स हाइस्कूल सीतामढ़ी, एमपी हाइस्कूल डुमरा, लक्ष्मी हाइस्कूल सीतामढ़ी, हाइस्कूल मोरसंड, हाइस्कूल बैरगनिया, हाइस्कूल परिहार, प्रोजेक्ट गर्ल हाइस्कूल शामिल है.
क्या कहते हैं डीपीओ: माध्यमिक शिक्षा के डीपीओ उमेश प्रसाद सिंह ने बताया कि टॉपर घोटाला उजागर होने के बाद सरकार ने वर्ग नौ की बोर्ड की परीक्षा को स्थगित कर दिया. तिमाही व छमाही परीक्षा के आधार पर बच्चों का नामांकन दशम वर्ग में लिया गया.
उमेश प्रसाद सिंह, डीपीओ