नयी दिल्ली : तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर कर विरोध जताया है. केंद्र सरकार ने कहा है कि ‘तीन तलाक और बहुविवाह की वैधता जेंडर जस्टिस को ध्यान में रखते हुए तय करनी चाहिए. हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि पर्सनल लॉ के आधार पर किसी को संवैधानिक अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता. तीन तलाक महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव है. महिलाओं की गरिमा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता.
Centre in affidavit on triple talaq: ‘There is no reason women in India should be denied their constitutional rights’
Centre in affidavit on triple talaq: 'There is no reason women in India should be denied their constitutional rights'
— ANI (@ANI) October 7, 2016