हुसैनगंज : बदले की भवना से ग्रसित होकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेरे शौहर व पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत को सुप्रीम कोर्ट से रद्द कराया है. उक्त बात बुधवार को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हीना शहाब ने अपने आवास प्रतापपुर में प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कही. उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में नीतीश कुमार मात्र सात दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे और वे अपना बहुमत सिद्ध करने में विफल रहे थे. उसके बाद राजद की सरकार बनी थी.
इसमें मेरे शौहर की प्रमुख भूमिका रही थी. इस बात को लेकर नीतीश कुमार के मन में खुन्नस थी, जिसका बदला उन्होंने लिया है. उन्होंने कहा कि सात सितंबर को मेरे पति को पटना उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी, जिसमें न्याय की जीत हुई थी. जमानत मिलने के बाद साहब लगभग 20 दिनों तक प्रतापपुर में रहे. इस बीच सीवान शहर से गांव तक किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली. कुछ लोगों द्वारा अफवाह फैलायी गयी कि सीवान की विधि व्यवस्था बिगड़ गयी है.
इसी बीच 30 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट से एक साजिश के तहत जमानत को रद्द करवा दिया गया. जमानत रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए उन्होंने सीवान कोर्ट में सरेंडर कर दिया. हीना शहाब ने प्रशासन से पूछा है कि क्या अब सीवान की विधि व्यवस्था बदल गयी है. जिला प्रशासन कह रहा है कि सीवान में अमन व चैन है. मैं जानना चाहती हू कि क्या अब सीवान में कोई घटना नहीं होगी. प्रशासन इसकी जिम्मेवारी लेगा क्या. उन्होंने कहा कि मुझे न्यायालय पर भरोसा है तथा न्याय मिलने तक मेरे व उनके समर्थकों द्वारा आंदोलन जारी रहेगा.