पटना : बिहार में टॉपर घोटाला सामने आने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति में लगातार बदलाव और सुधार के प्रयास जारी हैं. इसी क्रम में बोर्ड ने 2017 में होने वाले मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा की तिथि को घोषित कर दिया है. जानकारी के मुताबिक इंटरमीडिएट की परीक्षा जहां 14 फरवरी से 25 फरवरी तक ली जायेगी वहीं दूसरी ओर मैट्रिक परीक्षा एक मार्च से आठ मार्च तक आयोजित होगी. बोर्ड की ओर से इस बार मैट्रिक और इंटर की उत्तर पुस्तिकाओं में भी हाइटेक बदलाव किया जा रहा है. बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने मीडिया से बातचीत में इस बात की जानकारी दी है कि अभी तक वर्टिकल साइज में इंटरमीडिएट और मैट्रिक की उत्तर पुस्तिका होती थी. अब उसे हॉरिजेंटल साइज में डिजाइन किया जा रहा है. कंपार्टमेंटल के साथ 2017 की परीक्षा भी बदले हुए उत्तर पुस्तिका पर होगी. बोर्ड के मुताबिक हॉरिजेंटल साइज में बार कोडिंग और उत्तर पुस्तिका के स्कैनिंग में काफी सुविधा होती है.
बोर्ड ने की हाइटेक तैयारी
इस बार बोर्ड ने सभी तरह की सुरक्षात्मक तैयारी पूरी करने का निर्णय लिया है. 2016 की तुलना में इस बार दस दिन पहले इंटर और मैट्रिक की परीक्षा ली जायेगी. 2016 में इंटरमीडिएट 24 फरवरी से 5 मार्च तक लिया गया था. वहीं मैट्रिक 11 से 18 मार्च तक लिया गया था. इस बार इंटरमीडिएट में जहां 13 लाख के लगभग परीक्षार्थी के शामिल होने की संभावना है. वहीं मैट्रिक में 15 लाख परीक्षार्थी शामिल हो सकते है. इस बार मैट्रिक और इंटर के परीक्षा का सारा कुछ ऑन लाइन ही किया जायेगा. रजिस्ट्रेशन के साथ परीक्षा फार्म भी आॅन लाइन ही भराया जायेगा. 9वीं और 11वीं के लिये रजिस्ट्रेशन अौर 10वीं अौर 12वीं के लिये आॅन लाइन परीक्षा फार्म छात्र स्कूल और कॉलेज के माध्यम से भरेंगे. ऑन लाइन परीक्षा फार्म संबंधित कॉलेज और स्कूलों के द्वारा भरवाया जायेगा. फार्म भरने के बाद कॉलेज और स्कूल प्रशासन हर छात्र से उसका वेरिफिकेशन भी करेंगे. आवेदन फार्म में किसी तरह की त्रुटि होगी तो इसकी जिम्मेवारी संबंधित कॉलेज और स्कूल प्रशासन की होगी.
ऑनलाइन होगा सबकुछ
बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि इंटर और मैट्रिक की परीक्षा अभी तक सिम्पल तरीके से लिया जाता था. लेकिन इस बार हमने कई बदलाव किया है. इस बार के परीक्षा में कई मूल भूत बदलाव किया गया है. छात्र हित में अधिक से अधिक काम और देश में समिति के साख को स्थापित करना. गौरतलब हो कि टॉपर घोटाला सामने आने के बाद बोर्ड में कई तरह के बदलाव किये जा रहे हैं.