पूजा के दौरान यदि इन लोगों को शहर में आवाजाही की अनुमति दी गई, तो जाम की स्थिति विकराल होने की संभावना है. पिछले साल भी इसी वजह से टोटो पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था. दूसरी तरफ टोटो चालकों ने प्रशासन के इस निर्णय का विरोध किया है. इन लोगों का कहना है कि ट्राफिक पुलिस द्वारा बुलायी गई बैठक में वह लोग इस मुद्दे को उठायेंगे. जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोलानाथ पांडे ने बताया है कि पूजा के दौरान दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस कारगर व्यवस्था कर रही है. टोटो चालकों के साथ बैठक के बाद किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी.
टोटो चालक भी जाम की स्थिति को समझेंगे. इस बीच, जलपाईगुड़ी शहर में टोटो की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. पिछले साल पूजा के समय टोटो की संख्या करीब चार से पांच हजार रही होगी. नगरपालिका के पास भी हालांकि इसका कोई हिसाब-किताब नहीं है. इस वर्ष टोटो की संख्या बढ़कर करीब आठ हजार हो गई है. यह आंकड़ा टोटो चालक संगठन ने ही दिया है.
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगरपालिका इलाके में पंचायत इलाकों के टोटो का भी अवाध प्रवेश हो रहा है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग पार कर दोमोहानी तथा मोहितनगर इलाके से भी टोटो चालक शहर में प्रवेश कर जाते हैं. इतना ही नहीं, सुदूरवर्ती कालियागंज, राखालदेवी तथा रांधामाली इलाके से भी टोटो की आवाजाही जारी है. स्वाभाविक तौर पर जाम की स्थिति काफी बिगड़ रही है. शहर के मर्चेन्ट रोड, डीबीसी रोड, दिनबाजार आदि भीड़-भाड़ वाले इलाके में जहां-तहां टोटो को लगा देखा जा सकता है. फुटपाथ पर चलने वाले लोग भी टोटो के बढ़ते तादाद से काफी परेशान हैं. दूसरी तरफ इस परिस्थिति के लिए टोटो चालकों ने प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया है. उनका कहना है कि टोटो पर नियंत्रण की जिम्मेदारी प्रशासन की है. टोटो की संख्या न बढ़े, इस पर प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. टोटो की बिक्री पर कुछ दिनों पहले रोक लगायी गई थी. उसके बाद भी टोटो की संख्या लगातार बढ़ रही है. जाहिर है कि प्रशासन की अनदेखी की वजह से ही टोटो की बिक्री जोर-शोर से हो रही है.