आइजी अभियान एमएस भाटिया ने कहा कि भानु सिंह खरवार के खिलाफ गढ़वा जिला में 18 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा लातेहार व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर थाना में भी कई मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि इनाम की राशि भानु सिंह खरवार के परिजनों को दी जा रही है. श्री भाटिया ने कहा कि नक्सली संगठनों में फूट पड़ गया है. वे जाति के नाम पर आपस में लड़ रहे हैं.
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भाकपा माओवादी: पांच लाख का था इनाम, सब जोनल कमांडर भानु ने सरेंडर किया
रांची: भाकपा माओवादी संगठन के सब जोनल कमांडर भरत लाल सिंह उर्फ भानु सिंह खरवार ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के समक्ष सरेंडर किया. उसके ऊपर सरकार ने पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी. डीजीपी ने भानू का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की सरेंडर पॉलिसी के कारण […]
रांची: भाकपा माओवादी संगठन के सब जोनल कमांडर भरत लाल सिंह उर्फ भानु सिंह खरवार ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी के समक्ष सरेंडर किया. उसके ऊपर सरकार ने पांच लाख रुपये के इनाम की घोषणा कर रखी थी. डीजीपी ने भानू का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की सरेंडर पॉलिसी के कारण नक्सली मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में और भी नक्सली सरेंडर कर मुख्यधारा से जुड़ेंगे. डीजीपी ने सरेंडर करनेवाले नक्सलियों को सरकार के द्वारा दी जानेवाली हर सुविधा देने की बात कही.
आइजी अभियान एमएस भाटिया ने कहा कि भानु सिंह खरवार के खिलाफ गढ़वा जिला में 18 मामले दर्ज हैं. इसके अलावा लातेहार व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर थाना में भी कई मामले दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि इनाम की राशि भानु सिंह खरवार के परिजनों को दी जा रही है. श्री भाटिया ने कहा कि नक्सली संगठनों में फूट पड़ गया है. वे जाति के नाम पर आपस में लड़ रहे हैं.
पैसे को लेकर अरविंद व सुधाकरण में विवाद : भानु
नक्सली भानु सिंह खरवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि संगठन में भ्रष्टाचार बढ़ गया है. अरविंद जी और सुधाकरण जैसे नक्सली सिर्फ पैसे के लिए काम कर रहे हैं. दोनों में पैसे को लेकर विवाद भी हो गया है. सिद्धांत खत्म हो गया है. संगठन के बड़े नेता अपने बच्चों को शहर में रख कर अच्छे स्कूल में पढ़ा रहे हैं और डॉक्टर- इंजीनियर बना रहे हैं. छोटे नक्सली के बच्चे हथियार उठाकर मारे जा रहे हैं. इन कारणों से संगठन से उसका जुड़ाव खत्म हो गया. परिवार के लोग भी चाहते थे कि वह मुख्यधारा में लौटे. इसलिए उसने संगठन को छोड़ने का फैसला लिया.
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