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संतोष से गवाहों को भयमुक्त करने में पुलिस रही असफल

डर . दरभंगा इंजीनियर हत्याकांड के गवाह भी मुकरे संतोष झा पर सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी गोपालगंज व दरभंगा में 32 मामले दर्ज सभी मामलों में आरोप पत्र समर्पित, 23 कांडों में मिल चुकी है जमानत गवाही के दौरान अब तक के सभी गवाहों ने पहचानने से किया इनकार अन्हारी बैंक लूटकांड में संतोष को छोड़ […]

डर . दरभंगा इंजीनियर हत्याकांड के गवाह भी मुकरे

संतोष झा पर सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी गोपालगंज व दरभंगा में 32 मामले दर्ज
सभी मामलों में आरोप पत्र समर्पित, 23 कांडों में मिल चुकी है जमानत
गवाही के दौरान अब तक के सभी गवाहों ने पहचानने से किया इनकार
अन्हारी बैंक लूटकांड में संतोष को छोड़ सभी आरोपित दोषमुक्त
सीतामढ़ी : उत्तर बिहार में लेवी के डॉन के नाम से जाने वाले प्रतिबंधित संगठन बिहार पिपुल्स लिबरेशन आर्मी के संस्थापक संतोष झा के भी जेल से रिहा होने की संभावना बनती जा रही है. संतोष झा पर उत्तर बिहार के सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, गोपालगंज व दरभंगा में हत्या, रंगदारी व बम विस्फोट समेत कुल 32 आपराधिक मामले दर्ज है.
जिसमें 23 मामलों में संतोष को जमानत मिल चुकी है. अब तक चल रहे न्यायिक प्रक्रिया की प्रभात पड़ताल करने पर यह सामने आया है कि संतोष के खिलाफ गवाही देने के लिए गवाहों को भयमुक्त बनाने में उत्तर बिहार की पुलिस सफल नहीं हो सकी. अब तक कांडों की सुनवाई के दौरान किसी भी गवाह ने संतोष झा का घटना को कारित करते हुए नहीं बताया है. इसी प्रकार कुछ गवाहों ने पहचानने तक से इनकार कर दिया. कुछ गवाहों से बात करने पर यह भी सामने आया कि उन्हें भयमुक्त होकर गवाही देने का आश्वासन तक पुलिस ने नहीं दिया. ऐसे में पारिवारिक जवाबदेही को देखते हुए वे आत्महत्या वाला कदम नहीं उठा सकते. अगर पुलिस विश्वास दिलाती, तो शायद वे गवाही देने को तैयार हो जाते.
पेश है कुछ चर्चित कांडों की अद्यतन स्थिति
केस स्टडी-एक
वर्ष 2003 में सीतामढ़ी के रीगा प्रखंड अंतर्गत रामपुर बराही के पूर्व मुखिया दिनेश सिंह के घर को डायनामाइट से उड़ा दिया गया था. आरोपित संतोष झा को पहचानने से सभी गवाहों ने इनकार कर दिया. नतीजतन जमानत मिल गयी. अब सुनवाई भी अंतिम दौर में चल रहा है.
केस स्टडी- दो
वर्ष 2004 में सीतामढ़ी के रीगा प्रखंड स्थित सेंट्रल बैंक की शाखा के गार्ड को गोली मार कर कैस लूट लिया गया था. कहा जाता है कि भागने के दौरान पुलिस मुठभेड़ में संतोष झा को गोली भी लगी थी. जो अब भी उसके सीने में फंसी है. मामले में आरोपित संतोष झा को छोड़ कर अन्य जयमंगल झा, संत कुमार झा, सत्येंद्र झा, चिरंजीवी भगत, मोहन बैठा, बबलू झा व सत्येंद्र ठाकुर को दोष मुक्त किया जा चुका है. सिर्फ विचारण अलग होने के कारण संतोष का फैसला नही आ सका है. इस मामले में भी किसी गवाह ने आरोपितों को पहचानने से इनकार कर दिया.
केस स्टडी-तीन
वर्ष-2008 में शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक सह सर्जन डॉ सीताराम सिंह के नर्सिंगहोम पर बमबारी की गयी थी. मामले में आरोपित संतोष झा को सभी गवाहों ने पहचानने से इनकार कर दिया.
केस स्टडी-चार
संतोष झा के जानी दुश्मन शिवहर जिले के दोस्तीया गांव निवासी सह जिला पार्षद नवल राय की सीतामढ़ी-डुमरा रोड में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. मामले को लेकर नवल राय के चचेरे भाई सुबोध कुमार यादव के बयान पर संतोष झा समेत अन्य को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. गवाहों ने संतोष झा को पहचानने से इनकार कर दिया. वहीं सूचक सुबोध समेत परिवार के दूसरे सदस्यों की गवाही अब तक नहीं हुई है. उन्हें गवाही देने की सूचना कोर्ट के माध्यम से दी जा चुकी है.
केस स्टडी-पांच
दरभंगा के बहेड़ी में दो इंजीनियर की लेवी नहीं मिलने पर गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. मामले को लेकर पूरे बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर सवाल उत्पन्न हो गया था. सरकार भी सोच में पड़ गयी थी. मामले में आरोप पत्र के 16 साक्षी में 10 की गवाही हो चुकी है. 10 गवाहों में निर्माण कंपनी के कर्मी भी शामिल है. किसी ने संतोषजनक गवाही नहीं दी है.

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