जलपाईगुड़ी: चंदे को लेकर जुल्म के आरोप के खिलाफ लाटागुड़ी के स्थानीय लोग सड़क पर उतर आये हैं. जुलूस निकालने और रोड मीटिंग करने के साथ-साथ फिल्म निर्देशक अरिंदम शील का पुतला जलाया गया. लाटागुड़ी के व्यवसायियों ने अघोषित बंद का भी पालन किया. आंदोलन में शामिल लोगों ने चेतावनी दी कि अगर झूठा मामला तुरंत वापस नहीं लिया गया, तो और बड़े आंदोलन में लोग उतरेंगे. इधर क्लब के कर्ता-धर्ता लोगों ने इस 72 साल पुरानी पूजा को इस बार भी हर हाल में करने का फैसला लिया. हालांकि जलपाईगुड़ी के पुलिस अधीक्षक अमिताभ माइती का कहना है कि इस पूजा को अनुमति नहीं दी जायेगी. उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी भी की जायेगी.
बीते एक महीने से वेंकटेश फिल्म्स की एक फिल्म की शूटिंग के लिए निर्देशक अरिंदम शील डुवार्स में डेरा डाले हुए थे. कुछ हफ्तों से शूटिंग टीम लाटागुड़ी के एक रिसॉर्ट में थी. वेंकटेश फिल्म्स की ओर से आरोप लगाया गया कि स्थानीय नेताजी संघ के कई सदस्य लाटागुड़ी के उस रिसॉर्ट में आये और शूटिंग टीम से चंदा मांगा. टीम तीन हजार रुपये चंदा देने को राजी हुई, पर यह रकम स्वीकार नहीं की गयी और उन लोगों पर जोर-जुल्म किया गया. उसी दिन वेंकटेश फिल्म्स की तरफ से क्रांति पुलिस चौकी में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी. इसके बाद से लाटागुड़ी में उत्तेजना का माहौल बनने लगा. क्लब के कई सदस्य अपनी गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गये. यहां तक कि उन लोगों ने इस बार पूजा न करने का फैसला लिया.
लेकिन शुक्रवार रात क्लब की तरफ से लाटागुड़ी के आम लोगों के साथ बैठक कर यह फैसला लिया गया कि इस झूठे मामले के खिलाफ शनिवार को आंदोलन में उतरना है. इसी के अनुरूप शनिवार को इलाके के महिला-पुरुष सड़क पर उतर आये. क्लब के एक आरोपी सदस्य कौशिक भौमिक ने कहा कि नेताजी संघ के सदस्यों के खिलाफ झूठा मामला बनाया गया है. क्लब के सदस्यों ने शूटिंग टीम से चंदा मांगा था, पर 20 हजार रुपये नहीं, बल्कि तीन हजार रुपये. मंगलवार को शूटिंग दल ने चंदा देने के लिए क्लब के सदस्यों को बुलाया था. बुलावे के मुताबिक क्लब के कुछ सदस्य रिसॉर्ट पहुंचे. क्लब के सदस्य करीब एक घंटे तक इंतजार करते रहे, पर कोई बाहर मिलने नहीं आया. जब क्लब के सदस्यों ने उनकी तलाश की, तो एक कमरे में अरिंदम शील दिखायी दिये. इस पर अरिंदम शील भड़क उठे. कौशिक भौमिक का आरोप है कि अरिंदम शील ने क्लब सदस्यों को धमकाना और गाली-गलौज करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि अरिंदम शील अपनी हैसियत का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं. तीन हजार रुपये के लिए प्रशासन का लाखों रुपये खर्च करवा रहे हैं.
लाटागुड़ी व्यवसायी समिति के सचिव मानिक सरकार ने कहा कि लाटागुड़ी की कोई पूजा कमिटी चंदा के लिए किसी पर जुल्म नहीं करती. जो आरोप लगाया गया है, वह बिल्कुल झूठ है. इस झूठे मामले को वापस लिये जाने की मांग को लेकर शनिवार को व्यवसायी अपना व्यवसाय बंद करके आंदोलन में उतरे.
माल पंचायत समित के सदस्य तथा क्रांति ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष महुआ गोप ने बताया कि अरिंदम शील तृणमूल के काफी करीब है. फिर भी उन्होंने झूठा आरोप क्यों लगाया, यह समझ में नहीं आ रहा है. हमारी मांग है कि मुख्यमंत्री खुद इस मामले की छानबीन कर कदम उठायें.
अरिंदम शील के साथ जोर-जुल्म करने के आरोपी दो क्लब सदस्यों के परिजनों माला साह और संध्या चंद ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके घरों में घुसी और जूते पहनकर ठाकुरघर तक में चली गयी. तलाशी के नाम पर मनमानी की गयी. हम लोग इस पुलिस जुल्म का विरोध कर रहे हैं.
जलपाईगुड़ी के एसपी अमिताभ माइती ने बताया कि चंद के लिए जुल्म करने के आरोपियों को हमलोग गिरफ्तार करेंगे. सभी फरार चल रहे हैं. सीसीटीवी फुटेज में जो-जो दिख रहा है, उसे पकड़ा जायेगा. उन लोगों के खिलाफ गैर जमानती धाराएं लगायी जायेंगी. हम चंदे के लिए जोर-जुल्म बरदाश्त नहीं करेंगे. और अगर बिना अनुमति के पूजा की जाती है, तो इसे लेकर भी कार्रवाई की जायेगी.