बिहारशरीफ :जिला न्यायालय के पाक्सो स्पेशल एडीजे प्रथम शशिभूषण प्रसाद सिंह के कोर्ट में उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस इकबाल अहमद अंसारी द्वारा नाबालिग छात्रा दुष्कर्म कांड के आरोपित विधायक राजबल्लभ प्रसाद उर्फ राजबल्लभ यादव के दस हजार मुचलके के दो जमानतदार के बाॅड दाखिल करने के साथ ही रिलिज ऑर्डर जारी कर दिया गया. इसके साथ ही विधायक के जेल से बाहर आने का मार्ग प्रशस्त हो गया. जमानत के साथ कुछ शर्तों का भी पालन करना होगा.
ज्ञात है कि घटना 06 फरवरी 2016 की है, जिसकी प्राथमिकी महिला थाना में 9 फरवरी को की गयी थी. पुलिस आरोपित विधायक को वारंट, कुर्की-जब्ती के बावजूद गिरफ्तार नहीं कर सकी थी. अंतत: विधायक ने स्वयं 10 मार्च को जिला न्यायालय में समर्पण किया था. 24 अप्रैल को पुलिस को आरोप पत्र कोर्ट में सौंपा था. आरोप पत्र गठन को हाइकोर्ट में आरोपित विधायक ने चुनौती दी थी.
जो हाइकोर्ट के आदेश से 4 जुलाई को रद्द कर पुन: 14 सितंबर को आरोप गठन कर गवाही परीक्षण किया जा रहा था. इस बीच आरोपित विधायक के पिता के निधन पर जिला न्यायालय से दो दिन तथा हाइकोर्ट से कुल मिला कर 20 अगस्त से 5 सितंबर तक प्रोविजनल बेल पर रहे.
आरोपी विधायक पर भादस की धारा 366ए, 370, 370ए, 376, 2012, 109, 420, 120सी तथा 4, 8, 17 और 4, 5, 6 पाक्सो और आइटीपी अधिनियम के तहत आरोप है. इस मामले के अन्य आरोपित सुलेखा, टुसी, छोटी, राधा देवी तथा संदीप सुमन है जो सभी जेल में हैं. संदीप सुमन उर्फ पुष्पांजय की जमानत इसी मामले में हाइकोर्ट के ही न्यायाधीश शिवनाथ मिश्रा ने सितंबर माह के शुरुआत में ही नामंजूर कर दी थी. मामले में 15 से 26 सितंबर तक प्रथम गवाह का परीक्षण किया गया था और अब दूसरे पीड़िता का परीक्षण किया जा रहा है. जिसका कांट्राडिक्शन पूरा किया जा चुका है. अब डे टू डे चल रही मामले की सुनवाई दुर्गापूजा के छुट्टी से अवरोध है. अब सुनवाई 17 अक्तूबर से पुन: शुरू होगी.