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निर्णय में देरी व क्षमता न होना बड़ी खामियां : सरयू

रांची: राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि सरकार में खामियां हैं, तभी आयोग का गठन करना पड़ रहा है. आयोग बनाने का मतलब सरकार अपना अधिकार आयोग को दे रही है. श्री राय ने कहा कि किसी भी मामले में यहां निर्णय लेने में काफी देरी होती है. संचिकाएं जहां से […]

रांची: राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि सरकार में खामियां हैं, तभी आयोग का गठन करना पड़ रहा है. आयोग बनाने का मतलब सरकार अपना अधिकार आयोग को दे रही है. श्री राय ने कहा कि किसी भी मामले में यहां निर्णय लेने में काफी देरी होती है. संचिकाएं जहां से शुरू होती और अंतिम निर्णय जहां होता है, इसके बीच की लंबी कड़ी में वह घूमते रह जाती है. मंत्री ने कहा कि यहां सरकार के कामकाज में दो सबसे बड़ी खामियां हैं. एक तो निर्णय लेने में काफी देरी की जाती है और दूसरा यहां क्षमता में भी काफी कमी है. ऊपर से बिचौलिये भी योजनाअों में लगे हुए हैं. श्री राय शनिवार को अपने आवास में भोजन का अधिकार पुस्तक के विमोचन के बाद परिचर्चा में बोल रहे थे.

मंत्री ने कहा कि कानून जितना सरल होगा, उसका लाभ लोगों को उतना ज्यादा मिलेगा. उन्होंने कहा कि आज लोग जागरूक हो गये हैं. ऐसे में अफसर जितना लोगों से मिल कर काम करेंगे, योजना की सफलता उतनी अधिक होगी. उन्होंने कहा कि आलोचना को स्वीकार कर हमें सुधार करने की जरूरत है. भोजन का अधिकार कानून बन गया है, हमें उसे जमीनी स्तर पर लागू करना है. मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार व इसके बाहर के अंग दोनों में सामंजस्य होगा, तभी सफलता हासिल होगी. देनेवाले व लेनेवाले के बीच कई कड़ी है, इसे ठीक करना होगा. मौके पर प्रो रमेश शरण ने कहा कि भोजन का अधिकार तभी सफल होगा, जब इससे जुड़े लोग संवेदनशील होंगे. यह स्थिति हो कि किसी आदमी को खाने की इच्छा हो, तो वह कभी भी खा सके. यानी भोजन की व्यवस्था उसके पास हो. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए ही जन वितरण प्रणाली बनायी गयी है. जो राजनीतिक दल आता है, उसके लोग डीलर बन जाते हैं.

मौके पर पूर्व मुख्य सचिव सुधीर प्रसाद, विधायक गंगोत्री कुजूर, सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी, निदेशक भू अभिलेख व परिमाप राजीव रंजन, आरपी सिंह ने भी भोजन का अधिकार से संबंधित विषय पर अपनी बातें रखी. विष्णु राजगढ़िया ने अतिथियों का स्वागत किया. वहीं बलराम ने विषय प्रवेश कराया. कार्यक्रम का संचालन झारखंड फाउंडेशन के सचिव ऋषि पांडेय ने किया.
क्या है पुस्तक में
बलराम व विष्णु राजगढ़िया ने भोजन का अधिकार पुस्तक लिखी है. इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 से संबंधित विभिन्न पहलुअों का जिक्र है. वहीं, पीयूसीएल द्वारा भोजन के अधिकार संबंधी जनहित याचिका के आलोक में सुप्रीम कोर्ट के महत्वपूर्ण फैसलों का भी संकल्प पुस्तक में है. केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाअों की जनकारी भी दी गयी है. पुस्तक का प्रकाशन झारखंड फाउंडेशन ने किया है.

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