रांची :हजारीबाग के बड़कागांव मेें हुई हिंसा पर झारखंड पुलिस ने अपना पक्ष रखा है और विस्तार से बताया है कि हालात क्यों बिगड़े और इसके लिए जिम्मेवार कौन है. झारखंड पुलिस केप्रवक्ता ने बयानजारी किया है, जो इस प्रकार है :विधायक निर्मला देवी और उनके पति योगेंद्र साहू अपने समर्थकों के साथ पकड़ी-बड़कागांव माइनिंग एरिया में 15-16 सितंबर से माइनिंग रोकने की मांग को लेकर धरना पर बैठे थे.
हजारीबाग के एसपी व डीसी ने व्यक्तिगत रूप से धरनास्थल पर पहुंचकर उन्हें समझाने की कोशिशकी, लेकिन उन्होंने कोई भी बात मानने से इनकार कर दिया. इस बीच 28 सितंबर को एनटीपीसी कर्मी मशीन लगाने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान विधायक और उनके समर्थकों ने रोकने की कोशिश कीगयी. एनटीपीसी प्रशासन ने वैकल्पिक रूट बनाने की कोशिशकी, जिससे मशीन उस इलाके में लगायी जा सके.
पांचवीं मशीन लगाने के दौरान विधायक समर्थकों ने फिर रोका. कल एनटीपीसी का काम स्थगित कर दिया गया. एनटीपीसी ने बड़कागांव पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की. आज स्थिति को बिगड़ते देख मजिस्ट्रेट और पुलिस को तैनात किया गया. निदेशक डीआरडीए, सीओ बड़कागांव, एडिशनल एसपी, एसडीपीओ पुलिसकर्मी के साथ घटनास्थल पर पहुंचे.
प्रशासन की टीम ने विधायक को हिरासत में ले लिया. रास्ते में ढंढाकिला गांव के समीप पुलिस वाहन को भीड़ ने रोक लिया और विधायक को छुड़ाने की कोशिश की. एसपी और मजिस्ट्रेट पीछे वाले वाहन में थे. भीड़ ने अधिकारियों को बाहर निकालने और अपने साथ ले जाने की कोशिश की.
डीआरडीए के निदेशक को बचा लिया गया, लेकिन एडिशनल एसपी और सीओ को अगवा कर लिया गया. भीड़ ने अधिकारियों के साथ मारपीट की. भीड़ की इस मारपीट से अधिकारी बेहोश हो गये. इस बीच बड़कागांवथाने से पूरी स्थितिपर एसपी और डीडीसी घटना पर नजर बनाये हुए थे.
हालत को बेकाबू होते देख रैप और क्राउड कंट्रोल यूनिट को बुलाया गया. भीड़ को चेतावनी दी गयी. आसू गैस और रबर बुलेट के उपयोग के बावजूद भीड़ नहीं मानी. आत्मरक्षा में प्रशासन को गोली चलानी पड़ी. इस दौरान चार ग्रामीणों के मारे जाने की खबर है वहीं प्रशासनके सात लोग घायल गो गये हैं.
ग्रामीणों की पिटाई से कुलदीप कुमार (एडिशनल एसपी), शैलेश कुमार सिंह (सीओ), किशुन सान (सीओ), अजय कुमार प्रमाणिक (जिला बल) को मेडिका में इलाज के लिए लाया गया.
पूरी घटना का ब्यौरा जानने के लिए इस लिंक को क्लिक करें