वास्तविक आकलन के आधार पर एस्टिमेट बनायेगा. पुल का मरम्मत कंसल्टेंट एजेंसी से नहीं, बल्कि एनएच खुद से करेगा. राष्ट्रीय उच्च पथ अंचल, भागलपुर के अधीक्षण अभियंता लक्ष्मीनारायण सिंह ने बताया कि एस्टिमेट वेल्यू ज्यादा नहीं रहा, तो इसे अंचल स्तर से स्वीकृत किया जायेगा. अन्यथा मुख्यालय से स्वीकृति लेना पड़ेगा.
दोनों ही स्थिति में अल्पकालीन टेंडर निकाल कर काम शुरू करा दिया जायेगा. मालूम हो कि पुल निर्माण के बाद से तय नहीं हो सका था कि इसका मेंटेनेंस पुल निर्माण निगम करेगा या फिर एनएच. लोहिया पुल दोनों के पेच में फंसा था. इस वजह से मेंटनेंस नहीं हो सका. केवल ज्वाइंट एक्सपेंशन को बदलने के बजाय इसके गेपिंग को मेटेरियल से भरा गया था.