मामला बरारी थाना क्षेत्र के हासिम सील टोले का
विवाहिता के पिता ने एक फरवरी 2013 को दर्ज कराया था मामला
कटिहार : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम रघुपति सिंह ने शुक्रवार को बरारी थाना अंतर्गत हासिमपुर सील टोला निवासी अभियुक्त पति नजरूल उर्फ मजारूल एवं ससुर अब्दुल बारी को गला दबा कर हत्या करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. न्यायालय ने यह सजा भादवि की धारा 302 तथा 316 के तहत सुनाया है.
आरोपितों को भादवि की धारा 302 के तहत दोषी पाये जाने पर आजीवन कारावास तथा दस हजार रुपये अर्थदंड एवं भादवि की धारा 316 में दोषी पाये जाने पर दस-दस साल की सजा तथा पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाया है. अर्थ दंड नहीं देने के स्थिति में अभियुक्तों को छह माह का अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. दोनों सजा एक साथ चलेगी. बरारी थाना अंतर्गत निवासी मो सफीक पिता अब्दुल रहमान ने अपने फर्द बयान में एक फरवरी 2013 को कहा था कि उसकी पुत्री नुसरत बानो की शादी 2010 में नजरूल के साथ हुई थी. उसकी पुत्री सात आठ माह से ससुराल में रह रही थी. एक फरवरी को विदाई की तिथि निर्धारित थी. फोन पर उसे सूचना मिली कि उसकी बेटी की तबीयत अचानक खराब हो गयी है.
बाद में सूचना मिली कि उसकी बेटी की मृत्यु हो गयी है. मृत्यु की खबर सुन कर ससुराल पहुंचा. वहां बेटी को मृत पाया. अपने फर्द बयान में वे अपने पुत्री की गर्भवती होने की बात कहा था. उसने इस मामले में पति, ससुर के अलावा ननद अंबिया खातून, दिलखुश खातून, सास सायरा बानो पर गला दबा कर हत्या करने का आरोप लगाया था. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाहों का न्यायालय में परीक्षण कराया गया. शेष अन्य अभियुक्तों पर अनुसंधान जारी होने की बात कही गयी.