व्यवस्था. 397 के स्थान पर मात्र 66 डाॅक्टर
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सदर अस्पताल के कई वार्डों में चिकित्सक नहीं
व्यवस्था. 397 के स्थान पर मात्र 66 डाॅक्टर योगदान के बाद नहीं आ रहे 12 चिकित्सक उच्चतर शिक्षा के नाम पर भी 10 डॉक्टरों ने ले ली है छुट्टी मधुबनी : जिले के 66181 मरीजों के इलाज का जिम्मा एक डॉक्टर के ऊपर है. यह आंकड़ा इन दिनों स्वास्थ्य महकमा का है. कहने को जिला […]
योगदान के बाद नहीं आ रहे 12 चिकित्सक
उच्चतर शिक्षा के नाम पर भी 10 डॉक्टरों ने ले ली है छुट्टी
मधुबनी : जिले के 66181 मरीजों के इलाज का जिम्मा एक डॉक्टर के ऊपर है. यह आंकड़ा इन दिनों स्वास्थ्य महकमा का है. कहने को जिला सदर अस्पताल सहित पूरे जिले में 21 पीएचसी, तीन रेफरल अस्पताल व 55 एपीएचसी है. हर क्षेत्र में मरीजों को समुचित इलाज मिले इसकी पहल सरकार द्वारा की गयी.
पर अब इसका क्या किया जाय कि डॉक्टर ही किसी ना किसी बहाने महीनों से अस्पताल नहीं आ रहे. आलम यह है कि 12 चिकित्सक चार पांच माह पूर्व योगदान देने के बाद नहीं आ रहे हैं तो 10 चिकित्सक उच्च शिक्षा के नाम पर छुट्टी ले रखे हैं. वर्तमान समय में जिले के 45 लाख से अधिक की आबादी के लिए महज 66 डॉक्टर ही कार्यरत हैं. ऐसे में केवल सदर अस्पताल में ही कई वार्ड में इलाज नहीं हो पा रहा है.
बर्न वार्ड, आइसीयू बंद
डॉक्टर की कमी के कारण सदर अस्पताल का बर्न वार्ड, आइसीयू बंद है, जबकि अन्य कई विभागों में भी मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है. अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जिले में अभी 397 डॉक्टर के पद सृजित हैं. जिसके विरुद्ध मात्र 66 पद ही कार्यरत हैं. कहने को तो 90 डॉक्टर की पदस्थापन इस जिले में की गयी. पर 12 डॉक्टर ऐसे हैं जो चार पांच माह पूर्व योगदान देने के बाद से ही अब तक नहीं लौटे हैं. वहीं 10 डॉक्टर उच्च शिक्षा के नाम पर कई माह से अपने काम पर नहीं आ रहे हैं. दो डॉक्टर जिले से बाहर प्रतिनियोजित कर दिये गये हैं. जिस कारण मरीजों का इलाज प्रभावित हो रहा है.
सदर अस्पताल में डॉक्टरों की है कमी
सदर अस्पताल में डॉक्टर के 50 पद सृजित हैं. पर इनमें से मात्र 27 चिकित्सक ही सदर अस्पताल में कार्यरत हैं. वहीं जिले में 21 पीएचसी है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रत्येक पीएचसी में चिकित्सकों के सात पद सृजित है. जिसमें तीन सामान्य चिकित्सक व चार विशेषज्ञ चिकित्सक शामिल है. जिसके हिसाब से जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों की संख्या 147 होनी चाहिए. वहीं अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 55 है. जिसके 100 चिकित्सकों का पद सृजित है. जिसमें 12 चिकित्सक है. वहीं तीन अनुमंडलीय अस्पताल में 178 चिकित्सक का पद सृजित है.
विभाग को लिखा गया है पत्र
इस बाबत सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा ने बताया कि चिकित्सकों की काफी कमी है. बावजूद इसके आम लोगों को सरकार द्वारा मिलने वाली चिकित्सीय सुविधा मुहैया करायी जा रही है. वहीं चिकित्सकों की कमी के बाबत विभाग को भी लिखा गया है.
डॉ अमरनाथ झा, सिविल सर्जन, बेतिया
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