जल प्रलय. बरैठ में घुसा तिलावे नदी का पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त
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सैकड़ों एकड़ शहतूत की फसल बरबाद
जल प्रलय. बरैठ में घुसा तिलावे नदी का पानी, जनजीवन अस्त-व्यस्त पतरघट प्रखंड स्थित तिलाठी नहर के टूटने तथा बलतोरा मुशहरी स्थित उफान मारती तिलावे नदी का पानी बरैठ पंचायत में प्रवेश कर गया है. इससे पंचायत में लगभग ढ़ाई सौ एकड़ में लगी धान व शहतूत की फसल को बरबाद कर दिया गया है. […]
पतरघट प्रखंड स्थित तिलाठी नहर के टूटने तथा बलतोरा मुशहरी स्थित उफान मारती तिलावे नदी का पानी बरैठ पंचायत में प्रवेश कर गया है. इससे पंचायत में लगभग ढ़ाई सौ एकड़ में लगी धान व शहतूत की फसल को बरबाद कर दिया गया है.
सोनवर्षाराज : क्षेत्र की उफान मारती नदियों के पानी ने धीरे-धीरे कई पंचायतों को अपनी चपेट में ले लिया है. अंचल के शाहपुर, सोहा, पड़ड़िया, देहद, सहशौल, सोनवर्षा, बैठ मुशहरी, मोकामा, दुर्गापुर के बाद बरैठ पंचायत भी पानी से बुरी तरह प्रभावित होता जा रहा है. पतरघट प्रखंड स्थित तिलाठी नहर के टूटने तथा बलतोरा मुशहरी स्थित उफान मारती तिलावे नदी का पानी बरैठ पंचायत में प्रवेश कर गया है. पंचायत में लगभग ढ़ाई सौ एकड़ में लगी धान व शहतूत की फसल को बरबाद कर दिया गया है.
वहीं अमृता से मंगवार जाने वाली मुख्य सड़क नवटोलिया के पास पूर्णरुपेण ध्वस्त हो गयी है. जिस वजह से अमृता मंगवार के बीच यातायात पूर्णतः ठप हो गया है. जबकि पंचायत के गौरी टोला, अमृता पूर्वी, अमृता गोंठ तथा तमकुल्हा मध्य व दक्षिण टोला के सैकड़ों घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है. जिससे आमजन तथा मवेशियों को भारी संकट का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बाढ़ आश्रय स्थल एवं पंचायत भवन चारों तरफ पानी से घिर गया है.
सबसे बड़ी बात यह है कि बाढ़ से कई पंचायतों की बिगड़ती हालत व धान की फसल के पूर्णतया बरबाद हो जाने के बावजूद संबंधित पदाधिकारी द्वारा एक बार भी बाढ़ग्रस्त पंचायतों की स्थिति का जायजा लेने की जरुरत महसूस नहीं की गयी है. जिससे पीड़ितों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
मुआवजे की मांग
महिषी. प्रखंड मुख्यालय सहित क्षेत्र के सभी जगहों पर लगातार मूसलाधार वर्षा से जन-जीवन त्राहिमाम शरणागतम की बनी है. तटबंध के बीच कोशी के गर्भ में तो पानी आना नियति ही है तथा तटबंध के बाहरी हिस्सों में भी स्थिति गंभीर बनी है. वहीं क्षेत्र के सैकड़ों घरों में पानी घुस जाने से चुल्हा जलाना मुश्किल पड़ गया है
. मुख्यालय स्थित उग्रतारा सांस्कृतिक महोत्सव में मुख्य कार्यक्रम स्थल राजकमल क्रीड़ा मैदान में वर्षा का पानी अपने क्षेत्रफल को बढ़ाने के लगातार फिराक में है व प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था जल निकासी को लेकर भारी मुश्किल में फंसी है. अनवरत वर्षा से राजनपुर-कर्णपुर पथ, बघवा, बलुआहा-गोरहो पथ, गोरहो कुंदाहा पथ सहित क्षेत्र के सभी पथों में बड़े-बड़े रेनकट दुर्घटना को आमंत्रित देने में लगा है. क्षेत्र के तेलहर, पस्तवार, महिषी, नहरवार, सिरवार विरवार व राजनपुर पंचायतों में पशुपालकों का शत प्रतिशत चारागाह पानी में डूब जाने से पशुपालन एक गंभीर समस्या बनी है व धान का फसल भी कंठ लंबित है.
वहीं मत्स पालक व मखाना उत्पादकों को मखाना निकालने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. वही जलई थाना के सुरक्षा बल बैरक में एक फीट से अधिक पानी लगा है व पुलिस के अधिकारी व जवान सभी खतरों से बेपरवाह जल प्रलय की तवाही से त्रस्त है. प्रखंड प्रमुख बैजनाथ कुमार विमल, उपप्रमुख सरस्वती देवी, मुखिया विजय कुमार सिंह, जीशू सिंह, राहूल राज, चिरंजीव चौधरी, जिप सदस्या सहित अन्य ने जिला प्रशासन से पशुचारा व राहत की मांग की है. आमजन सरकार से फसल व भवन क्षति अनुदान मिलने पर आशान्वित है.
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