इस मौके पर जिले के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी दिलीप मंडल, मालदा मेडिकल कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल अमित दां, उपाधीक्षक ज्योतिष चंद्र दास, मालदा रेडक्रॉस के सचिव डॉ डी सरकार समेत जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के कई अधिकारी उपस्थित थे. इस परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए पंचायत प्रतिनिधि से लेकर ब्लॉक स्वास्थ्य अधिकारी, आशा कर्मी व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी सभागार में मौजूद थे. आनंदी नामक यह परियोजना दक्षिण 24 परगना जिले में शुरू हुई थी. वहां यह योजना सफल रही, तो इसे मालदा जिले के लिए अपनाया गया है.
इसका उद्देश्य सांस्थानिक प्रसव और टीकाकरण को बढ़ाकर मां-शिशु मृत्यु दर को कम करना है.आनंद परियोजना का शुभारंभ करते हुए जिला अधिकारी श्री द्विवेदी ने कहा कि एक टोल-फ्री (मुफ्त) नंबर शुरू किया गया है. इस नंबर पर फोन करने पर प्रसूति के लिए मां को बिना किसी खर्च के सरकारी अस्पताल ले आया जायेगा. इलाज का सारा खर्च सरकार उठायेगी. दवा, जांच, खाना और आने-जाने का खर्च भी सरकार देगी. साथ में स्वास्थ्यकर्मी भी रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसका मकसद मां-शिशु के जीवन को सुरक्षित करना है.
मालदा जिले में सांस्थानिक प्रसव 85 प्रतिशत और टीकाकरण 90 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है. अपने संबोधन में मालदा के उप मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी मृणाल कांति घोष ने कहा कि मालदा जिले में अन्य जिलों के मुकाबले सांस्थानिक प्रसव काफी कम है. दो साल पहले जिले में सांस्थानिक प्रसव 50 प्रतिशत था. यानी आधे प्रसव घरों में ही होते हैं. कुछ इलाकों में तो घर में प्रसव का प्रतिशत 65 प्रतिशत तक है. घर में प्रसव से मां और शिशु की जान को खतरा ज्यादा रहता है. इसे कम करना है. इसलिए आनंदी नामक यह परियोजना राज्य सरकार मालदा जिले में शुरू कर रही है.