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आतंकवाद की वैश्विक पहुंच कोई शहर सुरक्षित नहीं : उपराष्ट्रपति

अबूजा : पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए भारत ने आतंकवाद को राष्ट्र नीति के औजार के तौर पर इस्तेमाल किये जाने की निंदा की और कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और देशों की सम्प्रभुता तथा बहुलतावाद एवं खुले समाज के समक्ष सबसे बडा खतरा है. नाइजीरिया की राजधानी में नेशनल डिफेंस कालेज के अधिकारियों […]

अबूजा : पाकिस्तान पर तीखा प्रहार करते हुए भारत ने आतंकवाद को राष्ट्र नीति के औजार के तौर पर इस्तेमाल किये जाने की निंदा की और कहा कि आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और देशों की सम्प्रभुता तथा बहुलतावाद एवं खुले समाज के समक्ष सबसे बडा खतरा है. नाइजीरिया की राजधानी में नेशनल डिफेंस कालेज के अधिकारियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ आपका देश, हमारे देश जैसा है जो मानवता के समक्ष इस भयावह त्रासदी से जूझ रहा है. आज आतंकवाद की वैश्विक पहुंच हो गई है और कोई शहर सुरक्षित नहीं रह गया है. हमारे बहुलतावादी और खुले समाज के समक्ष नये स्तर का खतरा उत्पन्न हो गया है.

‘ उन्होंने कहा, ‘‘ आज अंतरराष्ट्रीय शांति और देशों की सम्प्रभुता के समक्ष सबसे बडा खतरा आतंकवाद से है. कौटिल्य ने इसे ‘गुप्त युद्ध’ कहा था. ‘ ‘भारत..नाइजीरिया संबंधों के परिदृश्य में उभरते सुरक्षा आयाम’ विषय पर अपने संबोधन में अंसारी ने कहा, ‘‘ राजनीतिक लक्ष्यों या नीतियों में बदलाव हासिल करने के लिए निर्दोष नागरिकों की अंधाधुंध हत्या को कोई कारण उचित नहीं ठहरा सकता है.’ उन्होंने कहा कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खराब रुप है और यह विकास के मार्ग में सबसे बडी बाधा बन गया है.
नाइजीरिया में बोको हराम ने अनेक हमलों को अंजाम दिया है जो पश्चिमी शिक्षा का विरोध करता है और इस अफ्रीकी देश में इस्लामी व्यवस्था कायम करना चाहता है. साल 2013 में अमेरिका ने इस संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया था जब यह आशंका हो गई थी कि इस संगठन ने अलकायदा जैसे संगठनों के साथ सम्पर्क स्थापित कर लिया है ताकि वैश्विक जिहाद छेड सके. नाइजीरिया में इस संगठन के एक बडे हमले में 16 से 18 वर्ष आयु वर्ग की करीब 300 लडकियों को बंधक बनाकर ले गए थे. उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा, ‘‘ नाइजीरिया और भारत एक समान रुप से ही मानवता की सबसे भयावह बुराई आतंकवाद और इसे राष्ट्र नीति के औजार के तौर पर इस्तेमाल किये जाने से पीडित है. इसकी एक स्वर में निंदा की जानी चाहिए. ‘
उन्होंने कहा, ‘‘ आतंकवादियों को अच्छे और बुरे की श्रेणी में नहीं विभक्त किया जा सकता है. एक आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी होता है, जो मानवता के खिलाफ अपराध करता है और उसका कोई धर्म नहीं हो सकता है या उसे राजनीतिक पनाह नहीं दी जा सकती है. ‘ उपराष्ट्रपति का इशारा पाकिस्तान की आतंकवादियों को अच्छे या बुरे के रुप में विभक्त करने की नीति की ओर था. उल्लेखनीय है कि भारत, पाकिस्तान पर लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों को प्रशिक्षण देने, वित्त पोषण करने और उन्हें हथियार मुहैया कराने का आरोप लगाता रहा है.
ऐसे संगठन भारत में घातक आतंकी हमला करते हैं और जिसका ताजा उदाहरण उरी हमला है जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. अंसारी ने कहा, ‘‘ हमें खुफिया सूचनाओं के आदान प्रदान, हमारे साइबर स्पेस को सुरक्षित करने और आतंकी गतिविधियों के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने में सहयोग करने में एक दूसरे की मदद करनी चाहिए. ‘ उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र संधि का अनुमोदन करके कानूनी ढांचे का पुनर्गठन करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम एक साथ मिलकर अफ्रीका और एशिया को आगे बढा सकते हैं.

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