इस्लामाबाद : भारत की ओर से 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि को रद्द किए जाने के कयासों के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार को विश्व बैंक का रुख किया है. प्राप्त् जानकारी के अनुसार यहां वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस मामले को उठाया है.
समाचार चैनल जियो न्यूज के अनुसार पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल अश्तर औसाफ अली के नेतृत्व वाले पाकिस्तान सरकार के शिष्टमंडल ने वाशिंगटन डीसी स्थित विश्व बैंक मुख्यालय में विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और सिंधु जल संधि-1960 के संदर्भ में मध्यस्थता के पाकिस्तानी आग्रह से जुडे मामलों पर चर्चा की. चैनल की रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत का भी रुख किया है, हालांकि उसने इस बारे में ब्यौरा नहीं दिया.
बीते 19 अगस्त को पाकिस्तान ने भारत से औपचारिक रुप से आग्रह किया था कि वह नीलम और चेनाब नदियों पर पनबिजली संयंत्रों के निर्माण से जुडे विवादों का समाधान करे। वह मामले को अध्यस्थता अदालत के पास ले गया था.
आपको बता दें कि उड़ी हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चल रहा है. इस हमले में भारत के 18 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान की नापाक हरकतों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत हर विकल्प पर विचार कर रहा है. इसी सिलसिले में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिंधु नदी के पानी के समझौते को लेकर समीक्षा बैठक की. इसमें पीएम ने अधिकारियों से कहा कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते. हम समझौते पर पुनर्विचार करने के लिए गंभीर हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक पीएम ने यह भी कहा कि अब तक पाक के साथ 112 बैठकें हो चुकी हैं. अब आतंक के माहौल में बातचीत नहीं की जा सकती.