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संक्रामक रोग है चिकनगुनिया

सीवान : चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होने वाला एक बेहद ही पीड़ादायक संक्रामक रोग है. चिकनगुनिया यह एक अफ्रीकी शब्द है. इसका मतलब होता है हड्डी टूटने जैसा दर्द. जोड़ों को पीड़ा से निष्क्रिय बना देनेवाला यह रोग एक सप्ताह में ही रोगी को इतना कमजोर कर देता है कि वह किसी कार्य को […]

सीवान : चिकनगुनिया मच्छर के काटने से होने वाला एक बेहद ही पीड़ादायक संक्रामक रोग है. चिकनगुनिया यह एक अफ्रीकी शब्द है. इसका मतलब होता है हड्डी टूटने जैसा दर्द. जोड़ों को पीड़ा से निष्क्रिय बना देनेवाला यह रोग एक सप्ताह में ही रोगी को इतना कमजोर कर देता है कि वह किसी कार्य को करने में असमर्थ हो जाता है. इस बीमारी का फैलाव चिकनगुनिया वायरस से संक्रमित एडिस एजेप्टी मच्छर के काटने से होता है.

चिकनगुनिया फैलाने वाला यह मच्छर जब किसी व्यक्ति या बंदर को काटता है, तो उसकी लार में यह वायरस पहुंच जाता है. फिर यह संग्राहक मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो वह व्यक्ति भी इस रोग का शिकार बन जाता है. एक बार इस रोग से पीड़ित होने पर अगले 7 से 10 दिन तक व्यक्ति संक्रामक अर्थात रोग फैलाने की क्षमता रखता है. मालूम हो कि सीवान में चिकनगुनिया के तीन मरीजों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

चिकनगुनिया से बचाव के उपाय
घर के अंदर और आसपास पानी जमा नहीं होने दें. किसी बरतन में भी खुले में पानी जमा न होने दें.
बर्तन को खाली रखे या उल्टा रखें.
अगर आप किसी बरतन, ड्रम या बाल्टी में पानी जमा रखते है, तो उसे ढक दें.
कूलर का काम नहीं होने पर उसका पानी निकाल कर सूखने दें.
खिड़की व दरवाजे पर जाली लगा कर रखें. शाम होते ही दरवाजे बंद कर दें.
ऐसे कपड़े पहनें, जो पूरे शरीर को ढक सके.
मच्छरों को भगाने के लिए घर में कीटनाशक का प्रयोग करें.
सीवान में तीन रोगियों के मिलने पर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
लोगों को किया जा रहा जागरूक
चिकनगुनिया के लक्षण
ठंड लग कर तेज बुखार आना
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द
जोड़ों में दर्द
जोड़ों में सूजन व विकृति
जी मचलना
भूख कम लगना
कमजोरी आना
प्रकाश सहन नहीं होना
शरीर पर चकते निकलना
बीमारी के लक्षण के अनुसार दी जाती है दवा
इस बीमारी से बचने के लिए अभी तक कोई न तो वैक्सीन निकला है और न ही कोई दवा. डॉक्टर बीमारी के लक्षण के अनुसार दवा देते हैं. मरीजों को पर्याप्त मात्रा में भोजन व पेय पदार्थ लेना चाहिए. इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
डॉ एमआर रंजन, जिला मलेरिया पदाधिकारी

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