नयी दिल्ली : उरी में हुए आतंकी हमले में 18 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद पाकिस्तान के प्रति भारत का रुख और भी कड़ा हो गया है. आज भारत की ओर से इस बात के संकेत दिये गये हैं कि वह पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवरेट नेशन’ का दर्जा छीन सकता है. इसके लिए प्रधानमंत्री गुरुवार को विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं. अगर भारत ने यह कदम उठा लिया तो पाकिस्तान परेशानी में पड़ सकता है.
#FLASH PM Modi calls 'MFN Status to Pakistan' review meeting on 29th Sep. Officials from MEA & Commerce Ministry to attend.
— ANI (@ANI) September 27, 2016
गौरतलब है कि कल सिंधु जल संधि पर भी कड़ा रुख अख्तियार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते. सिंधु जल संधि को लेकर हुई बैठक में सिंधु जल संधि को लेकर हुई बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विदेश सचिव, जल संसाधन सचिव और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद. बैठक में यह तय हुआ कि भारत सिंधु, चेनाव और झेलम नदियों की अधिकतम क्षमता का दोहन करेगा.
क्या है ‘मोस्ट फेवरेट नेशन’ का दर्जा
अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए मोस्ट फेवरेट नेशन का दर्जा दिया जाता है. भारत ने पाकिस्तान को यह दर्जा दिया हुआ है. जिसके तहत उसके साथ अधिकतम व्यापार किया जाता है और उसे टैरिफ में काफी छूट भी दी जाती है.भारत ने 1996 में अपनी तरफ से पाकिस्तान को एमएफएन का दर्जा दे दिया था. यह दर्जा विश्व व्यापार संगठन के शुल्क एवं व्यापार सामान्य समझौते के तहत दिया गया. भारत और पाकिस्तान दोनों ही इस संधि पर हस्ताक्षर करने वाले देश हैं. इस समझौते पर हस्ताक्षर करने का मतलब है कि दोनों ही देश एक दूसरे को तथा डब्ल्यूटीओ के अन्य सदस्य देशों के साथ अनुकूल व्यापारिक भागीदार की तरह व्यवहार करेंगे.उद्योग मंडल एसोचैम के अनुसार वर्ष 2015-16 में भारत के 641 अरब डालर के कुल वस्तु व्यापार में पाकिस्तान का हिस्सा मात्र 2.67 अरब डालर का है. भारत से इस पडोसी देश को 2.17 अरब डालर का निर्यात किया जाता है जो कि कुल निर्यात कारोबार का मात्र 0.83 प्रतिशत है जबकि पाकिस्तान से होने वाला आयात 50 करोड डालर यानी कुल आयात का 0.13 प्रतिशत ही होता है.
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