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सोशल साइट पर सरकार की हो रही है किरकिरी

धनबाद. धनबाद नगर आयुक्त पद से 66 दिनों में ही रमेश घोलप का तबादला सोमवार को सोशल साइट पर भी छाया रहा. इसको ले कर सरकार की खूब किरकिरी हुई. नगर आयुक्त के तबादला की अधिसूचना जारी होते ही फेसबुक एवं व्हाट्स एप पर प्रतिक्रियाएं आने लगी. फेसबुक पर यूथ कांग्रेस के अभिजीत राज ने […]

धनबाद. धनबाद नगर आयुक्त पद से 66 दिनों में ही रमेश घोलप का तबादला सोमवार को सोशल साइट पर भी छाया रहा. इसको ले कर सरकार की खूब किरकिरी हुई. नगर आयुक्त के तबादला की अधिसूचना जारी होते ही फेसबुक एवं व्हाट्स एप पर प्रतिक्रियाएं आने लगी. फेसबुक पर यूथ कांग्रेस के अभिजीत राज ने लिखा देख तेरी संसार की हालत क्या हो गयी भगवान, बेईमान राजा और कुशलता और ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वाह करने वाला घोलप यहां से वहां न बिके तो बाजार ने सरकार को ही खरीद लिया.
दिलीप कुमार ने लिखा कि न खाऊंगा, न खाने दूंगा का क्या होगा, पहले बिहार बदनाम था, अब तो झारखंड में जिसे चाहा, जब चाहा हटा दिया. हरेंद्र वर्मा लिखते हैं कि धनबाद नगर निगम बोले तो नरक निगम और उसके चाटुकारों के अच्छे दिन आ गये. रत्नेश पांडेय लिखते हैं स्वच्छ व ईमानदार सरकार है? यह जनता को समझना होगा. आनंद खंडेलवाल लिखते हैं कि आप कितने ही ईमानदार और सही क्यों न हों, लेकिन जमाना आपकी एक गलती का इंतजार करता है. जेवीएम के रमेश राही ने लिखा कि जीरो टोलरेंस भ्रष्टाचार की बात सिर्फ बोलने के लिए.

ईमानदार अधिकारी का हाल यही होगा. नारे और सच्चाई में अंतर भाजपा सरकार का पुराना खेल है. कांग्रेस नेता शमशेर आलम ने लिखा कि मेयर फेल हैं. नगर निगम भ्रष्टाचार का अड्डा है. निगम से जो विकास का काम होना चाहिए वह नहीं हो कर सिर्फ ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल हो रहा है. भाजपा नेता मुकेश पांडेय ने लिखा कि रमेश घोलप अच्छा काम कर रहे थे. उन्हें कम से कम तीन वर्ष यहां रखना चाहिए था.

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