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तो कुछ वर्षों में बंद हो सकते हैं महिला कॉलेज

चिंताजनक.रुपये नहीं मिलने से गड़बड़ायी व्यवस्था, बोले वीसी बेहतर गुणवत्ता बनाये रखने के लिए होगा हरसंभव प्रयास सासाराम शहर : वीर कुवंर सिंह विश्वविद्यालय के तीन अंगीभूत महिला कॉलेज बंद होने के कगार पर पहुंच गये हैं. सरकार ने महिला कॉलेजों में छात्राओं की पठन-पाठन की व्यवस्था निःशुल्क तो कर दी है. परंतु, सरकार द्वारा […]

चिंताजनक.रुपये नहीं मिलने से गड़बड़ायी व्यवस्था, बोले वीसी

बेहतर गुणवत्ता बनाये रखने के लिए होगा हरसंभव प्रयास
सासाराम शहर : वीर कुवंर सिंह विश्वविद्यालय के तीन अंगीभूत महिला कॉलेज बंद होने के कगार पर पहुंच गये हैं. सरकार ने महिला कॉलेजों में छात्राओं की पठन-पाठन की व्यवस्था निःशुल्क तो कर दी है. परंतु, सरकार द्वारा कॉलेज के लिए राशि नहीं मिल पाने के कारण कॉलेजों की आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है. उक्त बातें सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वीरकुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ लीलाचंद साहा ने कहीं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही ग्रांट की व्यवस्था नहीं की तो अगले दो-तीन वर्षों में विश्वविद्यालय के तीनों अंगीभूत महिला कॉलेज बंद हो सकते हैं.
रोहतास महिला कॉलेज के कर्मियों के विभिन्न मांगों पर उन्होंने कहा कि कॉलेज के शैक्षणिक व्यवस्था को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा हरसंभव प्रयास किया जायेगा. कॉलेज सभागार को सुसज्जित व विकसित करने के लिए कॉलेज प्राचार्य से विश्वविद्यालय प्रपोजल भेजने की बात कहीं. महिला कॉलेज के नैक ग्रेडेशन के संबंध में शिक्षकों व छात्राओं से कहा कि आप नैक की तैयारी कीजिए. ग्रेडेशन दिलवाना मेरा दायित्व है. मात्र दो कॉलेज को छोड़कर सभी कॉलेजों में शिक्षकों के अभाव से शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गयी है. राज्य सरकार को बार-बार इस संबंध में अवगत कराया जा चुका है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्राओं ने बिखेरा जलवा: रोहतास महिला कॉलेज में आयोजित सम्मान समारोह में छात्राओं ने स्वागत गीत व सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर माहौल को खुशनुमा बना दिया. कार्यक्रम की शुरूआत छात्राओं ने कुलगीत अमृत ज्योति जले गाकर किया. उसके बाद महाविद्यालय गीत हे ज्ञानपीठ हे भारती, स्वागत गान फूलों की माला मुस्कुरायी. शास्त्रीय संगीत लगन लागे आदि गीतों की प्रस्तुति कर उपस्थित लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया. लोगों ने भी तालियां बजा कर छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया. सांस्कृतिक कार्यक्रम में संगीत शिक्षिका डॉ ताप्ती मुखर्जी, अनु, विजया, संजना, सपना, चार्ली, प्रियंका अनुश्का ने गीत प्रस्तुत किया. तबला पर पंडित जनेश्वर मिश्र, हारमोनियम पर मोहित कुमार ने संगत की.
सरकार ने छात्राओं की शिक्षा नि:शुल्क की, तो आयी समस्या
रोहतास महिला कॉलेज में कार्यक्रम के दौरान स्वागत गीत प्रस्तुत करतीं छात्राएं.
छात्राओं की समस्या को सीएम तक पहुंचाऊंगा : निजी सचिव
कॉलेज से जुड़ी छात्राओं की हर समस्या को मुख्यमंत्री तक पहुंचाऊंगा. उनकी समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किया जायेगा. उक्त बातें मुख्यमंत्री के निजी सचिव दिनेश कुमार राय ने सम्मान समारोह के दौरान कहीं. उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल देते हुए कहा कि अगर शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी शैक्षणिक कार्य को निष्ठापूर्वक करेंगे, तो निश्चित ही छात्र-छात्राओं को बेहतर व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकता है. विश्वविद्यालय के समक्ष उत्पन्न हो रही समस्या को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग के सचिव से मिलकर हर संभव कोशिश करूंगा.
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए पहल करें कुलपति : विमल
सरकार द्वारा बार-बार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात तो की जाती है. परंतु, बिना शिक्षक व संसाधन के गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात करनी बेमानी होगी. सिर्फ कहने से शिक्षा व्यवस्था बेहतर नहीं हो सकती है. उसके लिए धरातल पर पहल करने की जरूरत है. कॉलेजों में उच्चस्तरीय शिक्षा व्यवस्था के लिए कुलपति से पहल करने का आग्रह किया. उक्त बातें बिहार राज्य विश्वविद्यालय व महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के संरक्षक डॉ विमल प्रसाद सिंह ने सम्मान समारोह के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि जब तक शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों की बुनियादी सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जायेगा, तो कैसे वो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे पायेंगे. विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मी की संख्या कम होती जा रही है. इससे छात्र-छात्राओं की पठन-पाठन प्रभावित हो रही है. इस गंभीर समस्या पर राज्य सरकार व विश्वविद्यालय को ठोस पहल करने की जरूरत है.

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