लखनऊ : बसपा प्रमुख मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की आलोचना की है जिसमे उन्होंने उरी हमले को लेकर पाकिस्तान को सलाह दी है. आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करके मायावती ने कहा कि पाकिस्तान को सलाह देना अच्छी बात है लेकिन पीएम मोदी को अपने सरकार का रिकॉर्ड भी देखना चाहिए.
मायावती ने कहा कि पाकिस्तान की गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा की फिक्र से पहले अपने पीएम मोदी को अपने देश के हालात की चिंता करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केरल में कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उरी हमले का उल्लेख किया लेकिन इसके साथ ही उन्होंने वहां बेरोजगारी और गरीबी का भी उल्लेख किया. मैं कहना चाहती हूं कि पहले पीएम मोदी को अपने गिरेबां में झांक कर देख लेना चाहिए.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा कि मोदी सरकार को उरी हमले के बाद कुछ ठोस करना चाहिए, केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा. हमले के बाद ठोस कदम उठाना चाहिए ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो. उन्होंने कहा कि हमले के बाद देश में आक्रोश का माहौल है और जनता पीएम मोदी की ओर देख रही है. पाकिस्तान को सबक सिखाने की जरूरत है. मोदी सरकार के पास पाकिस्तान को लेकर कोई ठोक नीति नहीं है. सैनिक पर होने वाले हमले समाप्त होने चाहिए.
आपको बता दें कि उड़ी सैन्य शिविर पर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार शनिवार को सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान नेतृत्व को चेताया और कहा कि भारत उड़ी हमले को कभी नहीं भूलेगा. 18 जवानों की शहादत बेकार नहीं जायेगी. कल भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से इतर कोझिकोड में एक रैली में मोदी ने देशवासियों को आश्वस्त किया कि देश सुरक्षित है. सवा सौ करोड़ देशवासी अपने सैनिकों की बहादुरी पर गर्व करते हैं.
पाकिस्तान की जनता से सीधा संवाद करते हुए मोदी ने कहा कि वे अपने हुक्मरान से पूछें कि क्यों उन्हें गुमराह कर रहे हैं. अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ पर प्रहार करते हुए कहा कि पड़ोसी देश के नेता कहते रहते हैं कि वे भारत के साथ 1000 वर्षों तक युद्ध करेंगे. मैं इस चुनौती को स्वीकार करता हूं. भारत हर तरह की लड़ाई के लिए तैयार है. यदि पाकिस्तानी नेतृत्व में साहस है, तो गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा को समाप्त करने के लिए लड़ें. पाकिस्तान की जनता का आह्वान करता हूं कि आओ नवजात शिशुओं को बचाने की लड़ाई लड़ें. तब देखें कि कौन-सा देश जीतता है- भारत या पाकिस्तान.