अहमदाबाद/नयी दिल्ली : गुजरात के बनासकांठा जिले के करजा गांव में एक गर्भवती दलित महिला सहित उसके परिजन की पिटाई का मामला गरमाता जा रहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला की पिटाई इसलिए कर दी गई क्योंकि उसने मरी हुई गाय की खाल उतारने से इनकार कर दिया. पुलिस ने इस संबंध में जानकारी दी कि मामले को लेकर आईपीसी और एससी-एसटी (उत्पीड़न रोकथाम) कानून की विभिन्न धाराओं के तहत 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और मामले की जांच जारी है.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने गुजरात के बनासकांठा जिले में मरी हुई गाय की खाल उतारने से इनकार करने पर एक गर्भवती दलित महिला की कथित तौर पर पिटाई की घटना पर चिंता जताते हुए आज कहा कि राज्य प्रशासन दोषियों पर कडी कार्रवाई करे.
आयोग के अध्यक्ष पी एल पूनिया ने एक बयान में कहा, ‘‘उना की घटना के बाद एक बार फिर ऐसी घटना हुई. मरी गाय की खाल नहीं उतारने पर गभर्वती महिला की निर्मम पिटाई बहुत शर्मनाक है. यह इस बात को दिखाता है कि राज्य प्रशासन दलितों की रक्षा करने में विफल रहा है. इस घटना के दोषियों पर प्रशासन को कडी कार्रवाई करनी चाहिए।’ पूनिया ने कहा, ‘‘हम जल्द ही राज्य और जिला प्रशासन से पूरी रिपोर्ट मांगेंगे.’ मीडिया में आई खबरों के अनुसार बनांसकांठा जिले में 25 साल की दलित महिला संगीता रणवासिया और उसके पति नीलेश रणवासिया की कुछ लोगों ने पिटाई की क्योंकि उन्होंने मरी हुई गाय की खाल उतारने से इंकार कर दिया था। संगीता पांच महीने के गर्भ से है.
हाल ही में गुजरात के उना में मरी हुई गाय की खाल उतारने को लेकर कुछ दलितों की निर्मम पिटाई के मामले पर पूरे देश में प्रतिक्रिया देखने को मिली थी. इसको लेकर गुजरात के दलित समुदाय ने बडे पैमाने पर आंदोलन भी किया था. पूनिया ने कहा कि आयोग ने मध्य प्रदेश के खंडवा में एक दलित महिला की शवयात्रा रोके जाने के मामले में भी राज्य और जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है.