10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मध्याह्न भोजन में अंडा देने की नीति पूरे देश में लागू होनी चाहिए : प्रो ज्यां द्रेज

रांची: प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि मध्याह्न भोजन व आंगनबाड़ी केंद्रों में खाने में अंडा देने की झारखंड की नीति पूरी देश में अपनायी जानी चाहिए. भोजन के अधिकार के संदर्भ में यह महत्वपूर्ण पहल है़ श्री द्रेज शनिवार को रोजी-रोटी अधिकार के छठे राष्ट्रीय अधिवेशन में बोल रहे थे़. अधिवेशन में दीपा सिन्हा […]

रांची: प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि मध्याह्न भोजन व आंगनबाड़ी केंद्रों में खाने में अंडा देने की झारखंड की नीति पूरी देश में अपनायी जानी चाहिए. भोजन के अधिकार के संदर्भ में यह महत्वपूर्ण पहल है़ श्री द्रेज शनिवार को रोजी-रोटी अधिकार के छठे राष्ट्रीय अधिवेशन में बोल रहे थे़.
अधिवेशन में दीपा सिन्हा ने कहा कि मातृत्व भत्ता का मामला भी खाद्य सुरक्षा से जुड़ा है़ इसका कानून पारित हुए तीन साल हो गये हैं, पर यह सिर्फ ओड़िशा व तमिलनाडु राज्य में लागू है. देश में 90 फीसदी महिलाएं असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत हैं, जिनके पास और किसी तरह का मातृत्व लाभ नहीं है. यह बच्चों के पोषण से जुड़ा विषय भी है़ तीन साल से कम उम्र के बच्चों के पोषण के बारे में भी सोचने की जरूरत है़
तीस कार्यशाला व दो सत्र हुए : शनिवार को 30 कार्यशाला व दो सत्र हुए. इसमें वंदना प्रसाद, सचिन जैन, विराज पटनायक, प्रशांत त्रिपाठी आदि ने विचार रखे़ सिमटते लोकतंत्र, सामाजिक क्षेत्र के बजट में कटौती, सामाजिक सहायता, शिकायत निवारण व पारदर्शिता से लोगों को वंचित करने, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, प्राकृतिक संसाधनों पर नियंत्रण, आजीविका, शहरी गरीब, टीबी, विकलांगता व मैला ढोने की प्रथा जैसे कई विषयों पर चर्चा हुई़ .
दोपहर के सत्र में रोजी रोटी के अधिकार के संदर्भ में जन वितरण प्रणाली, मनरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, बच्चों के भोजन के अधिकार, मातृत्व हक व पालनाघर, लिंग आधारित हिंसा, ट्रैफिकिंग, स्वशासन, पंचायती राज व्यवस्था, भोजन के अधिकार के लिए कानूनी कार्रवाई, सूखा, बाढ़, भूख, व्यापार संबंधित मुद्दे, जल का अधिकार, आदिम जनजाति समूह, वन उपज का प्रयोग व खाद्य संप्रभुता पर विचार-विमर्श हुआ़ सत्रों के समापन पर संबंधित मुद्दों पर आगे काम करने के लिए कार्य योजना तय की गयी़ फिल्मों का प्रदर्शन भी हुआ़ आयोजन गोस्सनर मध्य विद्यालय मैदान में किया गया है़
राष्ट्रीय स्तर पर कम हुआ कुपोषण
बच्चों के भोजन के अधिकार अभियान के प्रथम सत्र में देश में कुपोषण व बच्चों के लिए सेवाओं पर चर्चा हुई. वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कुपोषण कम हुआ है और आंगनबाड़ी व मध्याह्न भोजन जैसी सेवाओं का कुछ विस्तार हुआ है. पर क्रियान्वयन व गुणवत्ता में अभी भी कमियां हैं. बच्चों के कार्यक्रमों के निजीकरण व व्यवसायीकरण के परिपेक्ष्य में बच्चों के भोजन के अधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया गया़ दूसरा सत्र महिलाओं के हक व भोजन का अधिकार विषय पर था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें