सीवान: न्यायालय की कार्रवाई से लंबे समय से गुजर रहे पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन के जमानत पर जेल से बाहर होने के बाद भी कानूनी शिकंजा कम होता नजर नहीं आ रहा है.आगामी 26 सितंबर दिन सोमवार को उनसे जुड़े मामले में यहां स्थानीय कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में सुनाई की तिथि तय की गयी है. जिसके चलते उनके शुभ चिंतकों व राजनीतिक विरोधियों की नजर उस पर टिकी हुई है. लोअर कोर्ट में पूर्व के दर्ज मामलों में उनके द्वारा हाजिरी लगानी है, तो दूसरी तरफ राजीव रोशन मामले में हाइकोर्ट के जमानत के खिलाफ जारी जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर विशेष अदालत का गठन कर मंडल कारा में ही मो.शहाबुद्दीन से जुड़े मामले की सुनवाई होती रही है. पटना हाइकोर्ट से राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत मिलने के बाद मो.शहाबुद्दीन जेल से बाहर हैं. लेकिन कानूनी प्रक्रिया का उन्हें लगातार सामना करना पड़ रहा है. पटना हाइकोर्ट से राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत के आदेश के खिलाफ स्वराज अभियान से जुड़े वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है. जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है. जिस पर सुनवाई की तिथि 26 सितंबर तय है. इस दिन मो.शहाबुद्दीन या उनके अधिवक्ता द्वारा अपना पक्ष रखना होगा. ऐसे में जमानत के सवाल पर कोर्ट के आदेश पर लोगों की निगाहें टिकी हैं. दूसरी तरफ इस दिन ही यहां स्थानीय न्यायालय में भी सुनवाई होनी है.
सीजेएम कोर्ट में पूर्व सांसद की होगी गवाही
पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन ने एक दैनिक समाचार पत्र के खिलाफ मानहानि का कोर्ट परिवाद दायर किया था. जिसकी सुनवाई सीजेएम कोर्ट में चल रही है. इसी मामले में 26 सितंबर को मो. शहाबुद्दीन की गवाही होनी है. इसके पूर्व जेल में रहते हुए पूर्व सांसद को गवाही के लिए कोर्ट ने नोटिस जारी किया था, लेकिन जेल प्रशासन के मुताबिक स्वास्थ्य ठीक न होने के कारण गवाही के लिए नहीं पहुंचे.अब माना जा रहा है कि उनके द्वारा गवाही न देने की स्थिति में कोर्ट वाद को खारिज कर सकता है.