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फुटपाथी दुकानदारों के आगे बेबस है प्रशासन
शहर की सड़कों को फुटपाथी दुकानदारों के कब्जे से मुक्त कराना भौंरे के छत्ते में हाथ डालने जैसा है. अधिकतर अधिकारी इससे बचने की पूरी कोशिश करते हैं. जनप्रतिनिधि तो इस मामले पर केवल राजनीति करने और वोट बैंक बचाने तक ही सिमटे रहते हैं. और तो और शहर के लोग, जिन्हे इस समस्या का […]
शहर की सड़कों को फुटपाथी दुकानदारों के कब्जे से मुक्त कराना भौंरे के छत्ते में हाथ डालने जैसा है. अधिकतर अधिकारी इससे बचने की पूरी कोशिश करते हैं. जनप्रतिनिधि तो इस मामले पर केवल राजनीति करने और वोट बैंक बचाने तक ही सिमटे रहते हैं. और तो और शहर के लोग, जिन्हे इस समस्या का भुक्तभाेगी सबसे अधिक होना है, वे भी बहुत सार्थक भूमिका में नहीं आ पाते. नतीजा यह होता है कि, सड़कों पर जाम, गंदगी, अव्यवस्था लोगों की दिनचर्या बन जाती है. औरंगाबाद शहर के लोगों के साथ भी ऐसा ही है. शहर के बीच से गुजरने वाले पुराने जीटी रोड का ट्रैफिक फुटपाथी दुकानदारों के आगे बेबस और लाचार है. हाल में डीएम व एसपी ने सड़क को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की पहल की, लेकिन ये कोशिशें अभी तक मुकम्मल नहीं हो सकीं.
औरंगाबाद कार्यालय : औरंगाबाद शहर पुराने जीटी रोड पर बसा है. शहर का विस्तार जीटी रोड के दोनों तरफ है. इसलिए शहर का अधिकतर ट्रैफिक इसी सड़क से होकर गुजरता है. शहर की विडंबना यह है कि इसी सड़क पर दो-दो सब्जी मंडियां हैं. एक सब्जी मंडी शहर के बीच है, तो दूसरी नगर थाना के समीप. बड़ी सब्जी मंडी जो शहर के बीच है, इसे पुरानी सब्जी मंडी कहते हैं और सबसे अधिक गंदगी वाला क्षेत्र भी इसी को माना जाता है. सड़क पर सड़ी-गली सब्जियां तो पड़ी ही रहती हैं. सब्जी विक्रेता सड़क पर भी दुकान लगाने में परहेज नहीं करते. कुछ जगह बचती भी है, तो उसे सब्जी खरीदने वाले ग्राहक अपनी साइकिल, मोटरसाइकिल से भर देते हैं. स्थिति यह होती है कि इस जगह पर सुबह से शाम तक जाम लगा रहता है.
शहर के लोग जाम में फंसकर कराहते रहते हैं. यह समस्या पिछले एक दशक से है. समाचार पत्रों में लगातार खबरें प्रकाशित होने पर तत्कालीन एसपी बाबूराम ने छह माह पूर्व इस मामले पर एक बैठक बुलायी थी. इसमें एसडीपीओ पीएन साहू, सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद, नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी के अलावे फुटपाथी विक्रेता संघ, टेंपो चालक संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. एसपी ने बैठक के बाद घोषणा की थी, कि एक सप्ताह के बाद शहर की पुरानी सब्जी मंडी को दानी बिगहा में खाली पड़े भूभाग में बसाया जायेगा.
बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी को जिम्मेवारी सौंपी गयी थी, कि पुरानी सब्जी मंडी को दानी बिगहा में बसाने के लिए चिह्नित स्थान को समतल बनाया जाये और उस जगह को साफ-सफाई की व्यवस्था भी नगर पर्षद द्वारा सुनिश्चित की जाये. निर्णय के आलोक में नगर पर्षद द्वारा जेसीबी मशीन से दानी बिगहा में चिह्नित भूभाग का समतलीकरण भी कराया गया. साफ-सफाई भी हो गयी. बस केवल सब्जी मंडी को पुरानी जीटी रोड से हटा कर दानी बिगहा में बसाना था. इसी बीच सब्जी विक्रेताओं द्वारा एक सप्ताह का समय मांगा गया. प्रशासन सब्जी विक्रेताओं के सामने झुक गया और उन्हें एक सप्ताह का समय दे दिया. इसके बाद न तो प्रशासन ने सब्जी मंडी हटाने का प्रयास किया और न फुटपाथी दुकानदारों ने हटने का नाम ही लिया. छह माह बीत चुके हैं, अभी भी पुरानी सब्जी मंडी पुराने जीटी रोड पर ही है और दानी बिगहा में जिस स्थल पर सब्जी मंडी को बसाना था, वह भाग सब्जी विक्रेताओं के आने के इंतजार में वीरान पड़ा है.
हर हाल में जीटी रोड से हटेगी सब्जी मंडी : एसडीओ
इस संबंध में सदर अनुमंडल पदाधिकारी सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि सब्जी मंडी को हटाना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है. हर हाल में पुराने जीटी रोड से पुरानी सब्जी मंडी हटेगी. दो से तीन दिन में इस पर निर्णय हो जायेगा.
विकल्प की तलाश की जा रही है : एसडीपीओ
एसडीपीओ पीएन साहू ने कहा कि पुरानी सब्जी मंडी हटेगी. शहर के लिये यह एक बड़ी समस्या है. प्रशासन इससे पूरी तरह अवगत है. सब्जी मंडी को हटाने के लिये विकल्प ढूंढा जा रहा है. दानी बिगहा के अलावे और कुछ जगह चिह्नित किये जा रहे हैं. प्रियव्रत पथ में इसके लिये जगह चिह्नित किया गया था, लेकिन कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. प्रशासन इस पर गंभीरता से सोच रहा है.
डीएम ने की थी पहल
डीएम कंवल तनुज ने भी हाल में इस मामले पर फुटपाथी दुकानदारों के साथ बैठक की थी. डीएम ने इस दुकानदारों को प्रियव्रत पथ में शिफ्ट करने का आदेश दिया था. प्रशासन ने इस दिशा में पहल भी शुरू की, लेकिन प्रियव्रत पथ के आसपास के मुहल्लों के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. प्रशासन इस पर क्या निर्णय ले पाता है, यह अभी सामने नहीं आया है. डर है कि हर बार की तरह इस बार भी प्रशासन इस मामले पर चुप्पी साध सकता है.
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