हादसे वाली बस में बसैठ जाने के लिए बैठा था धर्मेंद्र
बेनीपट्टी/बसैठ : सीतामढ़ी के कंचन की दो बेटी व भाभी इंद्रपूजा देखने के बहाने बसैठ बस हादसे में मौत के मुंह में चली गयी. वहीं रजबा गांव निवासी राम सिनेही मांझी का बड़े पुत्र धर्मेंद्र मांझी(24) की जान इंद्रपूजा के कारण ही बच गयी. सोमवार को धर्मेंन्द्र भी उसी बस में सवार था जो बस बसैठ में हादसे का शिकार बन गयी. धर्मेद्र अपने साढ़ू के गांव परसा(बासोपट्टी) से गांव लौटते वक्त बेनीपट्टी बस स्टॉप पर उसी सागर बस में चढ़ा था पर उक्त बस में चढ़ते ही उसे केवटी में एक रिश्तेदार के यहां जाकर इंद्रपूजा देखने की याद आयी. वह बेनीपट्टी से बस के खुलते ही उतर गया और दरभंगा जाने वाली बस में जा चढ़ा.
उसने इस बात की जानकारी अपने परिजनों को भी नहीं दी. मोबाइल भी ऑफ कर दिया. पिछले तीन दिनों से वह अपने परिजन को किसी प्रकार की सूचना भी नहीं दी इधर, जैसे ही बस हादसा हुआ और देर शाम तक धर्मेंद्र का भी कोई पता नहीं चला तो परिजन अंजाने आशंका से भर गये. परिजन धर्मेद्र को अस्पताल में खोजा, मृतकों की सूची भी देखी. पर कहीं भी धर्मेंद्र का पता नहीं चला. धर्मेंन्द्र के पिता राम सिनेही मांझी अपने बेटे की तलाश में दर-दर भटक रहे थे.
पत्नी रिंकू का रो-रो कर बुरा हाल था तो वहीं उनकी माता सुनिता देवी रह रह कर बेहोश हो रही थी. इतना ही नहीं धर्मेंन्द्र के पिता ने प्रशासन से मदद की गुहार तक लगायी और अपने परिजनों के साथ पुत्र की तलाश में मधुबनी पोस्टमार्टम हाउस तक गए पर उन्हें नाकामी हाथ लगी. पर बुधवार की देर शाम नवगांव से राम सिनेही को फोन आया कि धर्मेंद्र यहां है और सुरक्षित है. तब जाकर धर्मेंद्र के पिता गांव के कुछ लोगों के साथ नवगांव उसे लाने गये और देर रात उसे लेकर वापस लौटे.