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267 की गवाही में सीबीआइ अब कितना लेगा समय

पटना : 20 साल पुराने पशुपालन घोटाले के मामले में सीबीआइ फिर सुस्त पड़ गया है. इस मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र में 267 गवाहों की सूची दाखिल की है, लेकिन अब तक मात्र 23 गवाहों की ही अदालत में पेशी हुई है. यह स्थिति तब है, जबकि हाइकोर्ट ने मामले के त्वरित निष्पादन […]

पटना : 20 साल पुराने पशुपालन घोटाले के मामले में सीबीआइ फिर सुस्त पड़ गया है. इस मामले में सीबीआइ ने आरोप पत्र में 267 गवाहों की सूची दाखिल की है, लेकिन अब तक मात्र 23 गवाहों की ही अदालत में पेशी हुई है. यह स्थिति तब है, जबकि हाइकोर्ट ने मामले के त्वरित निष्पादन के लिए आदेश दे रखा है.
हाइकोर्ट के आदेश के अालोक में विशेष अदालत द्वारा मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन की जा रही है. सीबीआइ द्वारा 31 मार्च 2003 को दाखिल आरोप पत्र में लालू प्रसाद व जगन्नाथ मिश्रा सहित कुल 44 लोगों को आरोपित बनाये थे, जबकि 2016 सितंबर तक आते-आते मात्र 29 अभियुक्त ही जिंदा रह गये हैं. विशेष अदालत ने ऊपरी अदालत के निर्देश पर जून 2016 से प्रत्येक कार्य दिवस में मामले की सुनवाई कर रही है.
गौरतलब है कि उक्त मामला भागलपुर कोषागार से वर्ष 1994-96 के बीच 45 लाख 51 हजार से अधिक रुपये की अवैध निकासी से संबंधित है.
इसमें सीबीआइ ने 15 मई 1996 को उक्त मामला दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया था. अनुसंधान के पश्चात सीबीआइ ने 44 लोगों के खिलाफ वर्ष 2003 में आरोप पत्र दाखिल किया तथा सीबीआइ की विशेष अदालत ने एक मार्च 2012 को अभियुक्तों के खिलाफ आरोप का गठन किया. तब से यह मामला अभियोजन के साक्ष्य पर चल रहा है और 23 गवाहों की गवाही करायी गयी. वर्तमान में यह मामला सीबीआइ तीन के विशेष अदालत में लंबित है. इसमें लालू प्रसाद यादव, जगन्नाथ मिश्रा, आरके राणा, बेक जूलियस समेत कई राजनीतिक व प्रशासनिक हस्तियां आरोपित हैं.

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