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पत्नी और बेटे के साथ बेऊर जेल भेजे गये डॉ अनिल सुलभ
पटना/फुलवारी : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च के निदेशक प्रमुख डॉ अनिल सुलभ को धोखाधड़ी मामले में गुरुवार को जेल भेज दिया गया. इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में सह आरोपी उनके पुत्र आभास सुलभ और पत्नी किरन झा को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है. डॉ सुलभ के बड़े पुत्र […]
पटना/फुलवारी : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च के निदेशक प्रमुख डॉ अनिल सुलभ को धोखाधड़ी मामले में गुरुवार को जेल भेज दिया गया. इसके साथ ही पुलिस ने इस मामले में सह आरोपी उनके पुत्र आभास सुलभ और पत्नी किरन झा को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है. डॉ सुलभ के बड़े पुत्र आकाश सुलभ और उनकी पत्नी मेनका पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. दोनों फरार चल रहे हैं. उनकी तलाश जारी है. पुलिस सूत्रों की माने पढ़ाई के नाम पर किये गये धोखाधड़ी का यह मामला करोड़ों में जा सकता है.
पता लगा रही है पुलिस : एएसपी राकेश कुमार ने बताया की प्रथम दृष्टया मामला पूरी तरह धोखाधड़ी का प्रतीत होता है. उन्होंने बताया की वर्ष 2013-14 के बाद से लगातार छात्रों से फीस लेकर फाॅर्म भराया गया और परीक्षा नहीं ली गयी. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि अबतक संस्थान द्वारा कितने छात्रों से कितने रुपये की उगाही की गयी है. इस मामले की जांच का जिम्मा बेऊर थाने को सौंपा गया है. बेऊर थानेदार धीरेंद्र पाण्डेय ने बताया की संस्थान में ताला जड़ दिया गया है. पुलिस नामजद छात्रों की गिरफ्तारी के लिए भी छापेमारी कर रही है.
थानेदार ने बताया की संस्थान का मान्यता समाप्त हो जाने के बाद भी फर्जी तरीके से परीक्षा का फाॅर्म भराया जा रहा था. डॉक्टर अनिल सुलभ बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एवं बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष सहित कई संस्थानों के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं. डॉ सुलभ की गिरफ्तारी और जेल जाने के बाद से राजनीतिक गलियारे से लेकर साहित्य जगत में भी चर्चाओं का बाजार गरम है. पुलिस अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाना शुरू कर दिया है. इसके लिए पुलिस अपने वरीय पदाधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रही है.
गौरतलब हो की बेउर स्थित आईआईएचईआर में तीन साल से परीक्षा नही लिए जाने को लेकर करीब 200 उग्र छात्रों ने संस्थान में दो दिनों तक हो हंगामा और तोड़फोड़ किया था. संस्थान में हुई तोड़फोड़ मामले में संस्थान के अधिकारियों द्वारा 15 नामजद और 250 अज्ञात छात्रों के खिलाफ भी बेऊर थाने में मामला दर्ज किया गया है. लेकिन, जब पूरे प्रकरण की जांच हुई, तो मामला पलट गया. जिला प्रशासन और मगध विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने संस्थान के मान्यता संबंधी कागजातों की घंटों जांच के बाद संस्थान के निदेशक प्रमुख डॉ अनिल सुलभ को देर शाम गिरफ्तार कर थाने ले गयी थी.
इसके बाद पुलिस ने उनके पुत्र अाभास सुलभ को देर रात ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि पत्नी किरन झा को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने गिरफ्तार डॉ अनिल सुलभ, पत्नी किरन झा और पुत्र अाभास सुलभ को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद तीनों को बेऊर जेल भेज दिया. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एजुकेशन एंड रिसर्च में डॉ अनील सुलभ निदेशक प्रमुख के पद पर, पत्नी किरन झा चेयरपर्सन, पुत्र आकाश सुलभ एमडी, पुत्र अाभास सुलभ स्टेट मैनेजर, जबकि मेनका झा एचआर हेड के पद पर आसीन कार्यरत बताया जाता है.
बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नहीं हैं अनिल सुलभ
पटना. अनिल सुलभ की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने उससे अपना पल्ला झाड़ लिया है. अनिल के बारे में पार्टी का कहना है कि वे बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नहीं हैं. प्रदेश प्रवक्ता एच के वर्मा ने बताया कि अनिल सुलभ प्रदेश कांग्रेस में विचार विभाग के पूर्व अध्यक्ष थे. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा़ अशोक चौधरी ने उन्हें दिसंबर 2015 में ही विरमित कर दिया था.
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