गोड्डा : मरता क्या ना करता वाली कहावत डोली मुर्मू पर चरितार्थ हो रही है. जब सांइस के इस दौर में डोली मुर्मू का इलाज नहीं हो पाया तो परेशान माता मीरू मरांडी व पिता ऐतवारी मुर्मू ने जड़ी-बूटी पद्धति से डोली का इलाज शुरू कर दिया है. मंगलवार को सदर अस्पताल से मीरू मुर्मू को लेकर माता-पिता पाकुड़ जिला के सिमलांग के लाथीपाथर के बारा मुरजोरा गांव लेकर गयी. वहां जड़ी-बूटी से इस तरह के रोगी का इलाज किया जाता है.
वहां जड़ी बुटी पद्धति से इलाज करने वाले हकीम परीमल बेसरा द्वारा डोली मुर्मू को देखे जाने के बाद जड़ी बुटी के मिश्रण से तैयार किया तेल दिया गया है. हकीम ने डोली को सुबह व शाम में तेल मालिश करने की सलाह दी गयी है. साथ ही डोली को किसी भी तरह के बात्रो खाना नहीं देने को कहा गया है. मीरू ने बताया कि बिटिया को बचाने के लिए एक प्रयास जड़ी-बूटी के इलाज करा कर किया जा रहा है. और कर भी क्या सकते हैं. मेडिकल सुविधा तो जवाब दे चुकी है. बता दें कि महगामा के डुमरिया गांव की डोली मुर्मू गंभीर बीमारी से जूझ रही है. उसके सीटी स्कैन में मस्तिष्क के डमैज रिपोर्ट निकलने के बाद डाॅक्टरों ने जवाब दे दिया था. फिलहाल डोली मुर्मू सदर अस्पताल के बेड पर पड़ी हुई है.