नयी दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे डेंगू और चिकनगुनिया की शिकायतों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने आज एक आपात बैठक बुलाई है और दिल्ली की नगर निगमों को फटकार लगाई है. एनजीटी ने दिल्ली के सभी म्यूनिसिपल एजेंसियों पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर उन्होंने राजधानी में बढ़ रहे चिकनगुनिया और डेंगू के मामलों के रोकने के लिए जरूरी कदम क्यों नहीं उठाया. एनजीटी ने नयी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से पूछा है कि आखिर वह दिल्ली में चिकनगुनिया और डेंगू को रोकने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
इस सवाल के जवाब में एनडीएमसी ने बताया कि राजधानी के सभी घरों में दवा का छिड़काव और जरूरी जांच की कार्रवाई की जा रही है. जिससे मच्छरों को बढ़ने से रोका जा सके. एनजीटी ने एनडीएमसी से पूछा कि इतने दिनों से क्या कर रहे थे. पहले रोकथाम के लिए जरुरी कार्रवाई क्यों नहीं की गई. एनजीटी ने पूरे मामले से जुड़े अधिकारियों को अगले बुधवार को फिर से पूरे दस्तावेज के साथ आने के लिए कहा है. जिसमें ये साफ हो कि आखिर उन्होंने चिकनगुनिया और डेंगू को लेकर क्या जरूरी कदम उठाए हैं.
डेंगू और चिकुनगुनिया मच्छर जनित रोग हैं. खासतौर पर साफ पानी में पनपने वाले मच्छर की डेंगू और चिकुनगुनिया फैलाते हैं. बरसात के दिनों में न तो दिल्ली में समय से फॉगिंग हो पाई और न ही दिल्ली सरकार ने समय पर अस्पतालों मे अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की. इतना ही नहीं, दिल्ली सरकार तो अब तक ये भी मानने को तैयार नहीं है कि चिकनगुनिया से दिल्ली में रोगियों की मौत भी हुई है.
31 अगस्त को हुई जबरदस्त बारिश के बाद दिल्ली में कई दिनों तक कई इलाकों मे जलभराव रहा और उसके बाद अचानक से लोगों के बीमार होने का सिलसिला भी शुरू हो गया. अबतक दिल्ली एनसीआर में चिकुनगुनिया और डेंगू से कई लोगों की मौत हो चुकी है और यह महामारी का रूप ले चुका है. अरविंद केजरीवाल सरकार ने अभीतक एनजीटी के सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया है.