नयी दिल्ली : रविवार को हुए उरी हमले की जांच कर रही एजेंसी के हाथ कुछ ऐसी जानकारी लगी है जिसने सबको सकते में डाल दिया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) को शक है कि चारों आतंकियों ने हमला करने से पहले ब्रिगेड हेडक्वॉटर के ऊपर बने पहाड़ी पर रात बिताई थी और सुबह का इंतजार कर रहे थे. इस संबंध में आज अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने खबर छापी है.
एनआइए के एक सूत्र के हवाले से अखबार ने बताया है कि आतंकियों ने जवानों को कुक हाउस और स्टोर रूम में बाहर से बंद कर दिया था. इसका उद्देश्य था कि उक्त स्थान को जलाए जाने के वक्त जवान बाहर ना आ सकें. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक दो इमारतों को बाहर के लॉक कर दिया गया था ताकि कोई जवान बाहर ना आ सके और आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब हो सकें.
एनआइए को शक है कि आतंकियों ने जगह के बारे में पहले से काफी जानकारियां उपलब्ध कर रखीं थीं. खबर के मुताबिक, आतंकियों ने सबसे पहले एक चौकीदार को निशाना बनाया और उसके बाद उनमें से तीन आतंकी जवानों के टेंट की तरफ बढ़ गए थे. वहीं चौथा आतंकी ऑफिसरों के मेस में तबाही मचाने के लिए आगे बढ़ा था.
फिलहाल एनआइए इस बात के सबूत पुख्ता कर रही है कि आतंकी पडोसी मुल्क पाकिस्तान की ओर से आए थे. इसके लिए डेमेज हो चुके जीपीएस से डाटा निकालने का प्रयास किया जा रहा है. जीपीएस से डाटा निकलने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर दुनिया के सामने बेनकाब हो जाएगा.
खबर है कि चारों आतंकियों के अंतिम संस्कार करने से पहले उनके फिंगरप्रिंट भी ले लिए गए थे. इन्हें भी जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. जिन राइफलों का इस्तेमाल आतंकियों ने हमले के दौरान किया था उन्हें भी संभाल कर रखा गया है. उनपर अबतक तो कोई ऐसी पहचान नहीं मिली है जिससे उन्हें पाकिस्तान का माना जा सके ,लेकिन आतंकियों के पास से मिली सूई, पेनकिलर, खाने पर पाकिस्तान मेनुफेक्चर का नाम लि खा हुआ है जिससे यह साफ जाहिर होता है कि आतंकी पाकिस्तानी ही थे.
आपको बता दें कि उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में गत रविवार सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक बटालियन मुख्यालय पर हमला कर दिया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए और 18 अन्य घायल हुए थे.