देश के आर्थिक विकास में दक्षता विकास व इनोवेशन-की भूमिका-विषय पर बोलते हुए स्वामी ने कहा कि युवाओं की दक्षता बढ़ाने के लिए उन्हें नये प्रशिक्षण के साथ तकनीकी स्तर पर भी अपडेट करना होगा. दक्ष श्रमशक्ति के लिए देश में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं. युवा बाहर जाकर नाैकरी करने के लिए भी तैयार रहें. दक्षता विकसित करने के लिए शिक्षा संस्थान व उद्योगों के बीच एक बेहतर तालमेल जरूरी है. आइआइटी खड़गपुर (एग्रीकल्चर एंड फूड इंजीनियरिंग, के प्रमुख) के प्रो वीके तिवारी ने कहा कि जमीनी स्तर पर युवाओं को तैयार करना होगा. इसके लिए स्कूल से ही उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग देने की जरूरत है. गांव में भी हुनर व दक्षता की कमी नहीं है.
युवाओं को सही रूप में तैयार करने के लिए उद्योगों को आगे आना चाहिए. कार्यक्रम में डॉन बास्को, टेक, नयी दिल्ली के कार्यकारी निदेशक फादर ए एम जोसेफ, आइआइएमसी के सीइओ डॉ सुभ्रांग्शु, नैसकॉम के चैयरमेन कमल अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये. एमसीसीआइ के उपाध्यक्ष हेमन्त बांगुर ने कहा कि आज देश को दक्ष श्रमशक्ति की आवश्यकता है. 2017 तक 80 मिलियन लोगों को दक्ष करने की योजना है.
इसके लिए सरकार नयी नीतियां बना रही हैं. उद्योगों की जरूरतों को देखते हुए आइटीआइ स्नातक युवाओं की दक्षता को विकसित करने में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं. मुख्य आैद्योगिक क्षेत्रों में नयी तकनीक के साथ दक्षता को अपग्रेड करने पर भी फोकस किया जा रहा है. नये बिजनेस बिजली उद्योग में भी प्रवेश कर रहे हैं. इस संदर्भ में सरकार की योजना-शोबार घोरे आलो- भी काफी चर्चा में है. कार्यक्रम में डॉन बास्को टेक्नीकल इन्स्टीट्यूट की तीनों शाखाओं के छात्रों ने भाग लिया. डॉन बास्को, पार्क सर्कस के प्रिंसिपल फादर जोस पोडीमट्टम ने स्वागत भाषण दिया.