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रक्षाबंधन के दिन बिनागुड़ी से उरी गये थे राकेश, आज आयेगा शव

शहीद जवान के पार्थिव शव के आने के इंतजार में बड्ढा गांव में सुबह से जुटे रहे बड़ी संख्या में लोग नुआंव : जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकी हमले में कैमूर का एक लाल भी देश के नाम पर शहीद हो गया. शहीद सैनिक नुआंव थाना क्षेत्र के बड्ढा गांव के राकेश कुमार 2010 […]

शहीद जवान के पार्थिव शव के आने के इंतजार में बड्ढा गांव में सुबह से जुटे रहे बड़ी संख्या में लोग
नुआंव : जम्मू कश्मीर के उरी में आतंकी हमले में कैमूर का एक लाल भी देश के नाम पर शहीद हो गया. शहीद सैनिक नुआंव थाना क्षेत्र के बड्ढा गांव के राकेश कुमार 2010 में सेना में बहाल हुए और उन्होंने करीब छह साल तक देश की सेवा की. रविवार की सुबह हुए शहीद हुए राकेश सिंह के पार्थिव शव के आने के इंतजार में उनके पैतृक गांव बड्ढा में सोमवार की सुबह से ही हजारों लोगो की भीड़ उनके दरवाजे पर जुटी रही. हालांकि, शाम तक शव नहीं पहुंचा था, लेकिन हर कोई जवान के शव को नमन करने के लिए बेचैन दिखा. घटना की जानकारी मिलते ही रामगढ़ विधायक अशोक सिंह ने भी गांव पहुंच शहीद के पिता को ढांढ़स दिया और जवान की शहादत को कोटि-कोटि नमन किया.
उधर, बड्ढा गांव के भी हर किसी के चेहरे पर अपने लाल को खोने का गम और आतंकवादियों के खिलाफ गुस्सा दिख रहा था. वर्ष 2008 में राकेश सिंह ने बिहार रेजीमेंट के 6 बटालियन में नौकरी ज्वाइन की थी. दो वर्ष पूर्व तक पश्चिम बंगाल के बिनागुड़ी में पोस्टिंग थी, पर विगत 18 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उन्होंने कश्मीर के उरी बटालियन में ज्वाइन किया, जहां रविवार की अहले सुबह आतंकी हमले में शहीद हो गये. सोमवार की शाम जवान का शव वाराणसी के बाबतपुर हवाई अड्डे पर लाया गया. जहां से सड़क के रास्ते संभवतः उनके पैतृक गांव बड्ढा लाया जायेगा. मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ उनके शव पार्थिव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जायेगा.
थानाध्यक्ष ने दी सूचना
सोमवार की सुबह स्थानीय थाने में कश्मीर के आतंकवादी हमले में शहीद हुए राकेश सिंह की खबर जैसे ही मिली थानाध्यक्ष ने इसकी सूचना बढ़ा के हरिहर सिंह कुशवाहा के घर दिया. फिर क्या हर तरफ अपने लाल के खोने का ग़म चीत्कार में बदल गया.
राकेश के बड़े भाई हरहंगी ने तुरंत इसकी सूचना अपने पिता को दी. राकेश की पत्नी किरण को मोबाइल से इसकी सूचना दी गयी.
शहीद जवानों को श्रद्धांजलि
कुदरा. जिला पार्षद माधुरी देवी ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर कश्मीर के उरी में सेना के बेस कैंप पर हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों को दो मिनट काे मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की. बैठक में भ्रष्टाचार निरोधक जन विकास अभियान समिति के जिला संयोजक धीरेंद्र प्रताप सिंह (टुनटुन), रवींद्र तिवारी, शिवमुनि पासवान, टेंगर साह, महेंद्र शर्मा व कामता सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ता शामिल थे.
लोगों में दिखी बेचैनी, लोगों का लगा रहा तांता
पूरे दिन राकेश के परिवार वालों को सांत्वना देने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर आम लोगों का तांता बड्ढ़ा गांव में लगा रहा. डीएम व एसपी पार्थिव शरीर के दिल्ली से चलने एवं बनारस पहुंचने सहित बड्ढ़ा गांव की स्थिति की जानकारी लेते रहे. सोमवार की शाम को यह स्पष्ट हो गया कि शहीद राकेश का पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह बड्ढ़ा गांव के लिए बनारस से चलेगा.
तब जाकर मंगलवार को शहीद के गांव पहुंच गार्ड ऑफ ऑनर देने की सारी रूप रेखा तैयार की गयी. डीएम व एसपी ने बताया कि सुबह लगभग छह बजे शहीद राकेश का शव बड्ढ़ा के लिए सड़क मार्ग से बनारस से चलेगा और लगभग 10 बजे बड्ढ़ा गांव में शहीद को सलामी दी जायेगी. इसको लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. रशासन व पुलिस के अधिकारी उक्त गांव में कैंप कर रहे हैं. इधर, शहीद के पार्थिव शरीर एवं राकेश की एक झलक पाने के लिए बड्ढ़ा गांव सहित आसपास के ग्रामीणों में गजब की बेचैनी सोमवार को देखने को मिली.
माता समुंद्री की चीत्कार से आंखें हुईं नम
आतंकवादी हमले में शहीद राकेश के गम में उनकी मां जैसे आपा खो बैठी हो. बेटे के गम में माता समुंद्री के चीत्कार से वहां पहुंचे हजारों लोगों का कॉलेज फटा जा रहा था. मां के करुण रुद्रन से ऐसा लगता था. जैसे मानों आसमान ही रो पड़ेगा. हरिहर सिंह के चार बेटों में राकेश सबसे छोटे थे. बाकी तीन भाईयों में राजेश की कुछ महीने पहले मौत हो चुकी है.
हरहंगी अपने पिता के साथ नुआंव में सब्जी की दुकान चलाते हैं, जबकि बजरंगी मालगुजारी पर लिये गये खेत से अनाज व सब्जी उपजाने का काम करते हैं. घर के सबसे छोटे बेटे होने के कारण भी माता समुद्री का स्नेह राकेश के प्रति ज्यादा था. नौकरी में रहने के कारण राकेश अपने परिवार के साथ माता को भी बाहर देवी स्थल के दर्शन करने व घुमाने ले जाया करता था.

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