रविवार को भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए चरमपंथी हमले में 17 सैनिकों की मौत हो गई है.
भारत प्रशासित कश्मीर में हाल के दिनों में चरमपंथी हमलों में सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की घटनाएं काफ़ी बढ़ गई है.
एक नज़र ऐसी ही 5 बड़ी घटनाओं पर.
इसी साल जुलाई में सीमावर्ती ज़िले कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की एक कोशिश नाकाम की थी. इस दौरान एक भारतीय सैनिक की मौत हो गई थी. सेना के मुताबिक दोनों तरफ से हुई फ़ायरिंग के बाद चरमपंथी वहां से भाग गए.
इसी साल जून में कश्मीर के पुलवामा में अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ पर चरमपंथियों का हमला हुआ था, जिसमें आठ जवानों की मौत हो हुई थी और 28 घायल हुए थे. हमले के वक़्त सीआरपीएफ जवानों की बस दक्षिण कश्मीर जा रही थी. उस हमले की ज़िम्मेदारी चरमपंथी संगठन लश्करे तैयबा ने ली थी.
जून में ही दक्षिण कश्मीर के बिजबेहड़ा में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के काफिले पर हुए चरमपंथी हमले में तीन जवानों की मौत हुई थी. इस हमले की ज़िम्मेदारी चरममपंथी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन ने ली थी.
मई में श्रीनगर में कथित चरमपंथियों दो अलग जगहों पर पुलिस को निशाना बनाया. पुलिस के मुताबिक, इन दोनों घटनाओं में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी, जबकि चरमपंथी दो बार मौके से फरार होने में कामयाब रहे थे.
इसी साल दो जनवरी को चरमपंथियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर भी हमला किया था. इसमें सात सुरक्षाकर्मी मारे गए थे, जबकि 20 अन्य घायल हुए थे.
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