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न्याय की आस में भटक रहा 75 साल का बुजुर्ग
रांची : समाचार पत्र विक्रेता 75 वर्षीय सुरेश प्रसाद भदानी पिछले सात साल से न्याय की आस में भटक रहे हैं. 6 जुलाई 2009 को उनके जवान बेटे लखन प्रसाद भदानी का अपहरण मारुति वैन के साथ कर लिया गया था. आज तक न तो लखन का पता चला अौर न ही उसकी मारुति वैन […]
रांची : समाचार पत्र विक्रेता 75 वर्षीय सुरेश प्रसाद भदानी पिछले सात साल से न्याय की आस में भटक रहे हैं. 6 जुलाई 2009 को उनके जवान बेटे लखन प्रसाद भदानी का अपहरण मारुति वैन के साथ कर लिया गया था. आज तक न तो लखन का पता चला अौर न ही उसकी मारुति वैन ही बरामद हुई. इस मामले के आरोपियों के खिलाफ भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. न ही न्यायालय के निर्देश का पालन किया.
लखन भदानी भाड़े पर मारुति वैन चलाता था. 6 जुलाई 2009 को रातू रोड से वाहन सहित उसका अपहरण कर लिया गया. जब लखन के पिता ने मामले की एफआइआर लिखानी चाही, तो पुलिस ने टालमटोल शुरू कर दिया. आठ फरवरी 2010 को मामले में सुखदेवनगर थाना में एफआइआर दर्ज (कांड संख्या 105/10) हुई. उसके बाद भी पुलिस ने आरोपियों कल्लू, साधु, प्रदीप अौर संतोष महतो को गिरफ्तार नहीं किया, उलटे चारों आरोपियों ने कई बार सुदेश को केस उठाने या परिणाम भुगतने की धमकी दी.
आज तक पुलिस ने दायर नहीं किया चार्जशीट : सुदेश भदानी के अधिवक्ता अोपी गौरव ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में सात साल बाद भी न्यायालय में चार्जशीट दाखिल नहीं किया है.
सुदेश भदानी ने 26 सितंबर 2014, 18 नवंबर 2014, छह फरवरी 2015, 24 अप्रैल 2015 अौर 16 जुलाई 2015 को सीजेएम के कोर्ट में केस के संबंध में आवेदन दिया. सीजेएम कोर्ट ने रांची के वरीय पदाधिकारियों को इस मामले में कार्रवाई के लिए लिखा था, लेकिन आज तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. आज भी मामला जेएम एसबी शर्मा के कोर्ट में चार्जशीट के लिए लंबित है.
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