बेगूसराय (नगर) : पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम 1986 के तहत घातक रसायनों के उत्पादन, भंडारण एवं आयात नियम 1989 के तहत सांविधिक रूप से यह अनिवार्य है कि आपातकालीन तैयारी और कमियों के आकलन के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया आपदा प्रबंधन योजना हो. और प्रत्येक तिमाही में ऑन साइट और प्रतिवर्ष ऑफसाइट डिजास्टर मॉक ड्रिल की जाय.
ताकि तैयारी को भविष्य में बेहतर किया जा सके. उपरोक्त अनुपालन में आपातकाल के दौरान ऑफसाइट आपदा प्रबंधन टीम की प्रतिक्रिया और तैयारी के आकलन के लिए एमएसक्यू यूनिट में 2016-17 की दूसरी तिमाही ऑनसाइट डिजास्टर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. ऑनसाइट आपात परिदृश्य एनएचडीटी यूनिट के आर वन रिएक्टर के आउलेट फ्लेज से हाइड्रो कार्बन रिसाव था. एमएसक्यू एनएचडीटी यूनिट से अागजनी की सूचना मिलने पर रिफाइनरी में आपात स्थिति से निबटने के लिए फायर टेंडरों को लगाया. संकट नियंत्रण कक्ष के सक्रिय होने के बाद,
आपदा की पुष्टि हुई और सभी समन्वयक आपातकालीन आपदा प्रबंधक योजना के अनुसार साइट और अन्य लोकेशन की ओर भागे. सबसे पहले आग और हाईड्रो कार्बन के रिसाव को नियंत्रित करने के लिए उस क्षेत्र में एसवीएलआरएम लगाया गया और संचालित किया गया. आपदा से प्लांट को बचाने के लिए उत्पादन समूह द्वारा यूनिट को आपातकालिक रूप से बंद किया गया. डेढ़ घंटे के सघन अग्निशामन के बाद आपदा को नियंत्रित किया गया. पर्यवेक्षकों और समन्यवकों की टीम द्वारा डिब्रीफिंग सत्र में अपनी राय दी. सत्र की अध्यक्षता कार्यपालक निदेशक बरौनी रिफाइनरी ने की. इस मौके पर महाप्रबंधक मानव संसाधन, महाप्रबंधक टीएस एवं एचएसइ महाप्रबंधक, महाप्रबंधक तकनीकी आदि उपस्थित थे. बैठक में विभिन्न लोकेशनों पर प्राप्त पर्यवेक्षणों की समीक्षा की गयी. और भविष्य में दुर्घटना के बेहतर एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए भविष्य की कार्रवाई बिंदुओं पर चर्चा की गयी.