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आय से अधिक संपत्ति घोषित करने के लिए 30 सितंबर को मध्यरात्रि तक खुले रहेंगे आइटी दफ्तर

नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को देशभर में अपने कार्यालय 30 सितंबर को मध्यरात्रि तक खोलने का निर्देश दिया है. इसी दिन आय घोषणा योजना (आईडीएस) बंद हो रही है. सीबीडीटी ने आज जारी आदेश में कहा कि आईडीएस, 2016 के तहत अपनी घरेलू बेहिसाबी संपत्ति की घोषणा करने […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को देशभर में अपने कार्यालय 30 सितंबर को मध्यरात्रि तक खोलने का निर्देश दिया है. इसी दिन आय घोषणा योजना (आईडीएस) बंद हो रही है. सीबीडीटी ने आज जारी आदेश में कहा कि आईडीएस, 2016 के तहत अपनी घरेलू बेहिसाबी संपत्ति की घोषणा करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर है. उस दिन मध्यरात्रि तक इस तरह की घोषणाएं जमा की जा सकेंगी.

सीबीडीटी ने कहा, ‘‘कामकाज के घंटों के बाद ही घोषणाएं स्वीकार करने के लिए प्रधान मुख्य आयुक्तों को निर्देश दिया गया है कि सभी अधिकार क्षेत्रों में आने वाले काउंटर 30 सितंबर, 2016 को मध्यरात्रि तक खुले रहें .’ सीबीडीटी आयकर विभाग का नीति बनाने वाला निकाय है. अधिकारियों ने बताया कि देश में कर कार्यालयों को यह आदेश मिल चुका है. सीबीडीटी चेयरपर्सन की मंजूरी के बाद इसे जारी किया गया है.
सीबीडीटी की प्रमुख रानी सिंह नायर इस बारे में 17 सितंबर को सभी आयकर क्षेत्रीय प्रमुखों के साथ समीक्षा बैठक करेंगी. सरकार ने आज एक बार फिर स्पष्ट किया कि आयकर विभाग को जो भी सूचनाएं और घोषणाएं आईडीएस के तहत मिलेंगी उन्हें गोपनीय रखा जाएगा और किसी के साथ साझा नहीं किया जाएगा.
सीबीडीटी ने आईडीएस पर हालिया जारी छठे स्पष्टीकरण में चार माह की अनुपालन खिडकी सुविधा में किसी प्रकार के विस्तार की संभावना से इनकार किया. सरकार ने भी आईडीएस के तहत कर और जुर्माने के भुगतान की समयसीमा को बढाया है. बेहिसाबी संपत्ति की घोषणा करने वालों को इसका भुगतान तीन किस्तों में अगले साल 30 सितंबर तक करना है. आईडीएस 2016 के तहत 25 प्रतिशत की पहली किस्त का भुगतान नवंबर, 2016 तक किया जाना है.
इसके बाद 31 मार्च, 2017 तक दूसरी 25 प्रतिशत की किस्त अदा की जानी है. शेष राशि का भुगतान 30 सितंबर, 2017 तक किया जाना है. पहले कुल मिलाकर कर, अधिभार और जुर्माने का भुगतान 30 नवंबर तक किया जाना था. सरकार ने इस योजना की घोषणा घरेलू अर्थव्यवस्था से कालाधन निकालने के लिए की थी. इससे पहले सरकार ने विदेशांे मंे भारतीयांे के जमा काले धन के बारे में इसी तरह की योजना चलाई थी.

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