मधुबनी : सरकार ने शराब बंदी की घोषणा के बाद सूबे के सभी जिलों में ताम झाम के साथ नशा मुक्ति केंद्र खोली, पर , मधुबनी स्थित सदर अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र खुलने के तीन -चार माह बाद ही दम तोड़ती नजर आ रही है. दरअसल वर्तमान में नशा मुक्ति केंद्र पर तैनात चिकित्सक व कर्मी की प्रतिनियुक्ति 12 अगस्त को समाप्त कर दी गई. फिलहाल यह केंद्र ए ग्रेड नर्स व डाटा आपरेटर के जिम्मे है. शुरुआत में 17 पदाधिकारियों व कर्मियों की भारी भरकम टीम बनायी गयी . पांच चिकित्सकों समेत 12 कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई थी. प्रतिनियुक्ति सभी कर्मी व चिकित्सक अपने अपने मूल पदस्थापित संस्थान में योगदान के लिए चले गये हैं .
ऐसे में अब मरीजों की काउंसेलिंग ए ग्रेड नर्स के जरिये की जा रही है. दवा भी दी जा रही है. नशा मुक्ति केंद्र पर वर्तमान में ए ग्रेड नर्स ब्रजेश ठाकुर व डाटा ऑपरेटर मोहन कुमार झा के द्वारा नशामुक्ति केंद्र का संचालन किया जा रहा है. वर्तमान में उक्त केंद्र में परामर्शी भी नहीं है. नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना शराब बंदी के बाद नशा से निजात दिलाने के उद्देश्य से की गई थी. लगभग 20 लाख रुपये खर्च कर नशा मुक्ति वार्ड, कार्यालय कक्ष, परामर्श कक्ष समेत चिकित्सीय कक्ष का निर्माण किया गया.