लेकिन उसकी पत्नी के सहयोगी मिथिलेश कुमार, रोहित कुमार, अमित कुमार एवं मो अमीरुद्दीन ने खुशबू कुमारी को अपने पति के साथ घर जाने से रोका और विकास कुमार महतो को भला-बुरा कहकर डांट फटकार किया. विकास यह सहन नहीं कर पाया और आत्महत्या कर ली. मृतक के चाचा ने यह भी खुलासा किया कि वह गांव में किराना दुकान चलाता था और किसी तरह अपना नाम लिख पाता था. मृतक की जेब में जो सुसाइड नोट मिला है वह किसी और की लिखावट है.
समझा जाता है कि किसी ने उसे मौका देखकर डाला है. उसमें आत्महत्या के लिए पत्नी को दोषी बताने का प्रयास किया गया है. इधर घटना के बाद कंपनी के दर्जनों कर्मचारी दहुआटांड़ छोड़कर भाग खड़े हुए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने से विकास कुमार महतो की मौत की पुष्टि हुई है. हालांकि बेसरा जब्त किया गया है. पुलिस ने रविवार को हिरासत में ली गयी मृतक की पत्नी खुशबू को छोड़ने का फैसला किया है. जबकि अमीरुद्दीन के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जायेगी. उसे भी कल ही हिरासत में लिया गया है. शव को मृतक के पैतृक गांव ले जाया जायेगा. विदित हो कि विकास रविवार को लखीसराय से धनबाद आया था. उसने अपनी पत्नी से कहा कि वह नौकरी छोड़ उसके साथ घर चले. इस सवाल पर पत्नी से उसकी मारपीट भी हुई. कुछ घंटे बाद ही विकास की लाश खूंटी में बंधी रस्सी के सहारे लटकी मिली थी. घटना को लेकर इलाके में तरह-तरह की चर्चा है.