मोतिहारी : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में फर्जी टीइटी प्रमाणपत्र पर कार्यरत लगभग 150 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. उन पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है. विभागीय निर्देश के आलोक में डीपीओ स्थापना द्वारा जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में टीइटी प्रमाणपत्र पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच करायी गयी.
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150 टीइटी शिक्षकों की नौकरी खतरे में!
मोतिहारी : जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में फर्जी टीइटी प्रमाणपत्र पर कार्यरत लगभग 150 शिक्षकों की नौकरी खतरे में है. उन पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है. विभागीय निर्देश के आलोक में डीपीओ स्थापना द्वारा जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में टीइटी प्रमाणपत्र पर नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्र की जांच करायी गयी. इसमें 150 […]
इसमें 150 से अधिक शिक्षकों के प्रमाणपत्र में गड़बड़ी सामने आयी है. कितने शिक्षक टीइटी परीक्षा में फेल है. कितने की कोटि में अंतर है, कुछ के पिता के नाम में अंतर है, कुछ दोनों पेपर की परीक्षा में शामिल हुए हैं, पर रिजल्ट एक ही पेपर में है. ऐसे शिक्षकों का नियोजन कैसे हुआ, यह जांच का विषय है.
हालांकि जांच में फर्जी टीइटी प्रमाणपत्र पर कार्यरत शिक्षकों की संख्या कितनी है इसकी अाधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है, पर विभागीय सूत्रों की माने तो ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग 150 से अधिक है. जिनके मानदेय भुगतान पर तत्काल रोक लगा दी गयी है. इस दायरे में सबसे अधिक कल्याणपुर प्रखंड के 40 शिक्षक हैं.
वही चकिया में 14, तुरकौलिया में 11, कोटवा में 11, संग्रामपुर में नौ, ढाका में नौ, बंजरिया में 10 शिक्षक हैं. इसके अलावा अन्य प्रखंड से भी शिक्षकों को चिह्नित किया गया है. इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीओ स्थापना नारद द्विवेदी ने बताया कि जांच अभी जारी है. जिन शिक्षकों के प्रमाणपत्र में गड़बड़ी मिलेगी उनके विरुद्ध कार्रवाई को लेकर विभाग व संबंधित नियोजन इकाई को लिखा जायेगा.
चिह्नित शिक्षकों के मानदेय भुगतान पर लगी रोक
जांच में प्रमाण पत्र में गड़बड़ी उजागर
पिता के नाम व कोटि में अंतर
कल्याणपुर में सर्वाधिक 40 शिक्षक व चकिया में 14 शिक्षक
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