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तृणमूल कांग्रेस ने मेयर को बनाया बंधक

सिलीगुड़ी: नगर निगम इलाके में पिछले चार दिनों से जारी पानी की समस्या भले ही दूर हो गयी हो, लेकिन इसको लेकर उठा सियासी तूफान अभी भी जारी है. सिलीगुड़ी के इतिहास में पहली बार निगम के विरोधी दल ने मेयर को दो घंटे तक बंधक बनाये रखा. पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर तृणमूल […]

सिलीगुड़ी: नगर निगम इलाके में पिछले चार दिनों से जारी पानी की समस्या भले ही दूर हो गयी हो, लेकिन इसको लेकर उठा सियासी तूफान अभी भी जारी है. सिलीगुड़ी के इतिहास में पहली बार निगम के विरोधी दल ने मेयर को दो घंटे तक बंधक बनाये रखा. पेयजल आपूर्ति की मांग को लेकर तृणमूल के लोगों ने मेयर अशोक भट‍्टाचार्य को उनकी ही गाड़ी में करीब दो घंटे तक के लिए एक तरह से बंद कर दिया. उन्हें गाड़ी से उतरने ही नहीं दिया गया.

पिछले चार दिनों से सिलीगुड़ी नगर निगम इलाके में पेयजल की समस्या को लेकर तृणमूल ने मेयर का घेराव कर उनसे इस्तीफे की मांग की. हालांकि लगातार दो घंटे तक बंधक बने रहने से मेयर अशोक भट्टाचार्य भी अपना आपा खो बैठे. गाड़ी से बाहर निकल कर तृणमूल के युवा कार्यकर्ताओं को चुनौती दी. तृणमूल समर्थकों के साथ उनकी झड़प भी हुई. पुलिस ने मेयर को शांत करा कर स्थिति को नियंत्रित किया.

गौरतलब है कि सोमवार की सुबह करीब साढ़े दस बजे से ही तृणमूल के वार्ड पार्षद निगम के प्रवेश द्वार को बंद कर आंदोलन पर बैठ गये. इसके बाद युवा तृणमूल और तृणमूल छात्र परिषद के सदस्य भी जुटने लगे. ठीक ग्यारह बजे मेयर अपनी गाड़ी से निगम के मुख्य द्वार पर पहुंचे. मेयर की गाड़ी देखते ही युवा तृणमूल सदस्य और तृणमूल छात्र परिषद के सदस्य उनकी गाड़ी पर टूट पड़े और गाड़ी को निगम में प्रवेश करने से रोक दिया. इसके साथ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने बाल्टी, पानी के जार और बैनर दिखाकर नारेबाजी शुरू कर दी. तृणमूल के लोग साउंड सिस्टम व पूरी तैयारी के साथ ही निगम कार्यालय के बाहर जमा हुए थे.

घटना की खबर फैलते देर नहीं लगी. पलक झपकते ही माकपा के सभी वार्ड पार्षद और छात्र संगठन मौके पर पहुंच गये. मेयर की सुरक्षा के लिये सिलीगुड़ी थाने की पुलिस टीम तत्काल आयी. इसके बाद तृणमूल कार्यकर्ताओं ने भी अपने विरोध प्रदर्शन को तेज कर दिया. माइक के द्वारा मेयर के इस्तीफे, गो बैक, थू-थू की नारे लगाये जा रहे थे. इतना ही नहीं तृणमूल कार्यकर्ता बाल्टी, जार आदि के साथ मेयर की गाड़ी को पीट रहे थे.

सिलीगुड़ी के प्रथम नागरिक को उनकी ही गाड़ी में बंधक बना दिया गया था और पुलिस मौके पर शांत थी. हालांकि यह लोग मेयर की गाड़ी को घेरकर खड़े रहे.
धीरे-धीरे तृणमूल छात्र परिषद के सदस्यों की संख्या बढ़ते देखकर पुलिस भी जागी. भारी संख्या में पुलिस वाले पहुंच गये. इस दौरान सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नरेट के सिलीगुड़ी थाना प्रभारी देवाशीष बोस , प्रधान नगर थाने के अनिर्वान भट्टाचार्य, न्यूजलपाईगुड़ी पुलिस चौकी प्रभारी देवांजन दास, भक्तिनगर थाना प्रभारी अनुपम मजूमदार व असित साहा, सिलीगुड़ी खुफिया विभाग प्रभारी अचिंत दासगुप्त और रैफ की टीम भी आ गयी थी. हांलाकि दो घंटे तक मेयर को बंधक बनाये जाने के बाद भी पुलिस ने उन्हें गाड़ी से बाहर निकालने की कोई कोशिश नहीं की. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक राजनीतिक मामला है. इसलिए पुलिस ने कोई कदम ना उठाकर मेयर को सुरक्षा घेरे में रखना सही समझा. हमारी पहली प्राथमिकता मेयर की सुरक्षा है. वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि मेयर का घेराव किया जाना पहले से निर्धारित था. घटना की खबर तृणमूल के उपर तक पहुंच गयी है. तृणमूल आंदोलनकारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार का कदम नहीं उठाये जाने का निर्देश दिया गया है. इसी वजह से पुलिस कोई कदम नहीं उठाकर चुपचाप खड़ी है.
पुलिस की इस निष्क्रिय भूमिका पर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने भी सवाल खड़े किये हैं. तृणमूल राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस भी तृणमूल के इस असभ्य राजनीति की एक पहलू है. यदि पुलिस चाहती तो काफी पहले ही विरोध प्रदर्शन समाप्त करा सकती थी. उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कि सड़क जाम कर मेयर की गाड़ी का घेराव करने वाले में से किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया.
लोगों को हुई परेशानी तो हम क्या करें: नांटू
तृणमूल द्वारा मेयर का घेराव किये जाने की घटना ने पूरे सिलीगुड़ी के नागरिकों को परेशानी में डाल दिया. निगम कार्यालय के सामने मेयर को बंधक बनाकर तृणमूल ने कोर्ट मोड़ से कॉलेड पाड़ा जाने वाली सड़क को बाधित कर दिया. तृणमूल की इस हरकत से माकपा छात्र संगठन भी उत्तेजित हो गये. डीवाईएफआई और एसएफआई सदस्यों ने शहर का केंद्र स्थल हाशमी चौक और सेवक मोड़ पर जाम कर दिया. इससे पूरे सिलीगुड़ी में जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी. सिलीगुड़ी शहर के हिलकर्ट रोड, सेवक रोड, वर्धमान रोड आदि में वाहनों की लंबी कतारें लग गयी. विद्यालय से लेकर कॉलेज के विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़. हालांकि इस संबंध में नांटू पाल से शहरवासियों की हुयी समस्या के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन से नागरिकों को परेशानी हुयी तो हम क्या करें? हालांकि बाद में उन्होंने अपनी बात को संभालते हुए कहा कि सिलीगुड़ी के नागरिक पिछले चार दिनों से पेयजल को तरस गये. हमारा आंदोलन नगरवासियों के लिये ही था. इस आंदोलन से नागरिकों को हुयी समस्या के लिए हमें खेद है.
मेयर के बायकाट की घोषणा
सिलीगुड़ी नगर निगम में विरोधी दल तृणमूल ने निगम के माकपा मेयर अशोक भट्टाचार्य के बायकाट करने का निर्णय लिया है. आज के इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पेयजल की समस्या पर चर्चा करने का प्रस्ताव तृणमूल ने दिया, लेकिन इस बैठक में मेयर और जल विभाग के मेयर परिषद सदस्य जय चक्रवर्ती को शामिल नहीं करने की शर्त रखी. तृणमूल के शर्त के अनुसार लोक निर्माण विभाग के मेयर परिषद सदस्य नुरूल इस्लाम, कचरा सफाई व पर्यावरण विभाग के मुकुल सेनगुप्त व निगम के उपमेयर राम भजन महतो विरोधी दल नेता नांटू पाल, कृष्णचंद पाल, रंजन सरकार आदि के साथ बैठक में शामिल हुए. आधा घंटे तक चली इस बैठक के बाद बाहर आकर नांटू पाल ने विरोध प्रदर्शन समाप्त करने की घोषणा की. पत्रकारों को संबोधित करते हुए नांटू पाल ने कहा कि निगम की मासिक बोर्ड बैठक को छोड़कर मेयर की उपस्थिति में आयोजित अन्य किसी भी बैठक में तृणमूल शामिल नहीं होगी. इसके साथ नांटू पाल ने कहा कि माकपा बोर्ड निगम के संचालन में व्यर्थ साबित हुई है. इसके साथ ही उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि उत्तर बंगाल विकास मंत्री या राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव द्वारा ही सर्वदलीय बैठ बुलायी जाये. इस घोषणा के साथ नांटू पाल अपनी कही बातों में ही उलझ कर रह गये. निगम से जुड़ी बैठक में मेयर का होना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है.
क्या कहते हैं मेयर
सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने तृणमूल के आज की हरकत को असभ्यता करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह अशोक भट्टाचार्य नहीं बल्कि सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर पद का अपमान है. आज तृणमूल ने मेयर का अपमान किया तो आगामी दिनों में राज्य की मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों का घेराव किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि निगम का संवैधानिक हक के लिए माकपा बोर्ड पहले भी आंदोलन कर चुकी है. आगामी दिनों में हमारा आंदोलन जारी रहेगा. आगामी 22 सितंबर को सिलीगुड़ी में एक विशाल विरोध रैली निकाली जायेगी. बकाया 6 करोड़ रूपए की मांग पर 23 सितंबर को सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास प्राधिकरण (एसजेडीए)का घेराव किया जायेगा.

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