नयी दिल्ली : दूरसंचार कंपनियों के संगठन सीओएआई ने दावा किया है कि नेटवर्क अंतरसंपर्क के विवादास्पद मुद्दे पर ट्राई के साथ दूरसंचार परिचालकों की बैठक से उसके प्रतिनिधियों को रिलायंस जियो के दबाव में आकर बाहर रखा गया. सीओएआई के एक शीर्ष अधिकारी ने यह दावा किया. घंटे भर चली इस बैठक में रिलायंस जियो, एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया के प्रतिनिधि शामिल थे लेकिन कहा जा रहा है कि सीओएआई के अधिकारियों को इससे बाहर रखा गया. सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यूज ने एक बयान में कहा कि रिलायंस जियो की दबाव में संस्था को ट्राई की बैठक से बाहर रखा गया और ट्राई ने भी अप्रत्याशित रूप से उनकी मांग को चुपचाप मान लिया.
इस बैठक में मौजूद रिलायंस जियो इन्फोकॉम के निदेशक मंडल के एक सदस्य ने इस आरोप को यह कहते हुये खारिज किया कि उन्होंने ऐसा कोई आग्रह नहीं किया. उन्होंने कहा कि जिस किसी को भी आमंत्रित किया गया वे बैठक में भाग लें. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकार (ट्राई) ने अंतरसंपर्क क्षेत्रों के संबंध में रिलायंस जियो और एयरटेल, वोडाफोन तथा आइडिया जैसे मौजूदा दूरसंचार परिचालकों के साथ चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए बैठक बुलाई थी. सेल्यूलर आपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कल ट्राई को लिखा है कि शुक्रवार को जो बैठक बुलाई गई है जिसमें कि एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया को चर्चा के लिए बुलाया गया है, एसोसियेसन सभी सदस्यों से जुड़ी है न कि सिर्फ इन तीन दूरसंचार कंपनियों से.
सीओएआई ने पत्र में लिखा है, ‘इसलिए हम आग्रह करते हैं सीओएआई के सभी सदस्यों को उक्त बैठक में बुलाया जाए.’ सीओएआई ने अगस्त में ट्राई पर पक्षपात का आरोप लगाया था लेकिन बाद में ऐसे आरोप लगाने के लिए माफी मांगी थी. रिलायंस जियो जिसने पांच सितंबर को अपनी सेवा वाणिज्यिक तौर पर पेश की, ने मौजूदा परिचालकों पर आरोप लगाया था कि वे पर्याप्त अंतरसंपर्क पोर्ट नहीं छोड रही हैं और इस संबंध में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की.
सीओएआई मौजूदा दूरसंचार परिचालकों की राय का प्रतिनिधित्व करते हुए रिलायंस जियो का यह कहते हुए विरोध कर रही है कि यह संगठन में बहुमत का विचार है. रिलायंस जियो भी सीओएआई का सदस्य है लेकिन उसे संगठन में प्रमुख दूरसंचार कंपनियों ने दरकिनार कर दिया है.
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