गोपालगंज : अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर जिला मुख्यालय के आंबेडकर भवन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसका उद्घाटन डीडीसी दयानंद मिश्र ने किया. कार्यक्रम में उपस्थित साक्षरता कर्मियों को संबोधित करते हुए डीडीसी ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था, तो देश की साक्षरता दर मात्र 12 प्रतिशत थी. आज साक्षरता कर्मियों के लगन और परिश्रम की देन है कि देश की साक्षरता दर 72.8 प्रतिशत हो गयी है.
उन्होंने अपने संबोधन में साक्षरता के प्रखंड समन्वयक एवं पंचायतों से आये प्रेरकों में उत्साह भरते हुए लगन से काम करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि साक्षरता कर्मियों की बदौलत ही समाज में फैले निरक्षरता रूपी कलंक को धोया जा सकता है, जिसके लिए अलख जगाने की जरूरत है और यह काम साक्षरता कर्मियों के द्वारा ही संभव है. डीपीओ साक्षरता कपिलदेव तिवारी ने कहा कि जबतक सभी लोग साक्षर नहीं होंगे तब तक चहुंमुखी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती.
ऐसे में सभी लोगों को साक्षर बनाना है और इसकी जिम्मेवारी हम सभी साक्षरता कर्मियों पर है. इउन्होंने अपने संबोधन के एक -एक शब्द से समन्वयक और प्रेरकों में ऊर्जा भरने का काम किया. एसआरजी सुनील कुमार द्विवेदी ने अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का विस्तृत परिचय प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा 17 नवंबर, 1965 को साक्षरता दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव लाया गया. इसके बाद आठ सितंबर, 1966 को पूरे विश्व में एक साथ अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस दिवस मनाया गया. .