लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आम जनता को स्मार्टफोन देने की घोषणा को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ‘स्टंट’ बता रहे विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए आज कहा कि सरकार ने चुनावी रिश्वत देने के लिए नहीं बल्कि प्रौद्योगिकी की मदद से सरकार और अवाम के बीच पुल बनाने की कोशिश के तहत यह ऐलान किया है.
हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि योजनाएं लोगों तक पहुंचे और लोग यह जान सकें कि सरकार उनके लिए क्या कर रही है. हम इस अंतर को प्रौद्योगिकी के जरिये और स्मार्टफोन के जरिये पाटना चाहते हैं.” अखिलेश ने कहा, ‘‘जिन बच्चों को मैंने सबसे पहले लैपटाप दिया, मैं उनसे पूछूंगा कि उस लैपटाप से उन्हें कितनी मदद मिली. यकीन मानिये कि जो लैपटाप हमने बांटे वे आज तक काम आ रहे हैं.”
मालूम हो कि अखिलेश सरकार ने प्रदेश में निर्धारित मानकों पर खरे उतरने वाले सभी लोगों को मुफ्त स्मार्टफोन देने का ऐलान किया है. इसके लिये आनलाइन रजिस्ट्रेशन एक महीने के अंदर शुरु होगा मगर यह फोन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बाद दूसरी छमाही में हाथ में आयेगा। विपक्षी दलों ने इसे चुनावी स्टंट बताते हुए इस पर आपत्ति जाहिर की है. कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भाजपा सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है.