यह हमारे लिए करो या मरो की लड़ाई है़ यदि आदिवासी चूक गये, तो शायद बंगाल की खाड़ी में फेंक दिये जायेंगे. आदिवासी विकास विरोधी नहीं है़ं विकास तब होगा, जब यहां के लोग ही इंजीनियर, तकनीशियन व दक्ष श्रमिक बनेंगे़ तब तक किसी को उजड़ने नहीं दिया जायेगा. हमारे संसाधनों का उपयोग देशी-विदेशी उद्योगपतियों व बाहर के लोगों के लिए नहीं होना चाहिए़.
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झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा की कार्यसमिति घोषित, बोले पदाधिकारी चूक गये, तो बंगाल की खाड़ी में फेंक दिये जायेंगे
रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश व स्थानीय नीति के खिलाफ लड़ाई लड़े रहे 33 संगठनों के समूह झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा की कार्यसमिति की घोषणा बुधवार को एचपीडीसी, बहू बाजार में की गयी़ इसमें डॉ करमा उरांव को संयोजक व पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की को कार्यकारी संयोजक बनाया गया.डॉ करमा उरांव ने […]
रांची : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश व स्थानीय नीति के खिलाफ लड़ाई लड़े रहे 33 संगठनों के समूह झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा की कार्यसमिति की घोषणा बुधवार को एचपीडीसी, बहू बाजार में की गयी़ इसमें डॉ करमा उरांव को संयोजक व पूर्व शिक्षा मंत्री बंधु तिर्की को कार्यकारी संयोजक बनाया गया.डॉ करमा उरांव ने कहा कि सरकार आदिवासियों के साथ अन्याय कर रही है़ हम चौराहे पर खड़े है़ं सरकार की नीतियां हमारे साथ नहीं हैं.
40 आदिवासी शिक्षाविद होंगे सम्मानित, महा बहस 22 को
इस मौके पर पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि नौ सितंबर को 40 आदिवासी शिक्षाविदों को सम्मानित किया जायेगा़ यह कार्यक्रम एचपीडीसी बहू बाजर में दिन के नौ बजे शुरू होगा. वहीं, 22 सितंबर को सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन अध्यादेश व स्थानीय नीति पर महा बहस का आयोजन किया गया है. यह कार्यक्रम भी एचपीडीसी बहू बाजार में दिन के 11 बजे से होगा.
ये हैं सह सयोजक व कोर कमेटी के सदस्य
सह संयोजक के रूप में प्रेमशाही मुंडा, राजकुमार नागवंशी, सुशील उरांव, शिवा कच्छप, मुकेश बिरुवा, प्रो प्रवीण उरांव, बेर्नादेत्त डुंगडुंग, प्रभुदयाल बड़ाईक, दर्शन गंझू व अजय तिर्की को शामिल किया गया है़ वहीं कोर कमेटी के सह सदस्यों में दिनेश उरांव, जीता उरांव, बबलू उरांव, दीपा मिंज, मोती कच्छप, अभय भुटकुंवर, अनीता गाड़ी, बासिल किड़ो, वीरेंद्र भगत, रूपचंद केवट, निरंजना हेरेंज, पंकज उरांव, सोमा मुंडा, प्रबल कच्छप, रंजीत टोप्पो, प्रफुल्ल लिंडा, बिबियाना लकड़ा, सरोजनी लकड़ा, कृष्णकांत टोप्पो, संतोष तिर्की, उमेश लोहरा, शंकर बेदिया, राहुल उरांव, मादी उरांव, माधो खलखो, नागिया टोप्पो, संजय कुमार मिंज, सोमा उरांव, डॉ जया भगत, नरेश भुइयां व ब्रजकिशोर बेदिया को शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त सभी अनुषंगी संगठनों के दो-दो प्रतिनिधि व सभी जिले की समन्वय समिति के पांच प्रतिनिधि शामिल रहेंगे़.
सलाहकार मंडल
सलाहकार मंडल में आरइवी कुजूर, हिमांशु कच्छप, अमर बिरुली, पीयूष बेक, अब्राहम मिंज, डॉ प्रकाश चंद्र उरांव, बहुरा उरांव, विक्टर माल्टो, अटल खेस, दयामनी बारला, वासवी किड़ो, रमा खलखो, बंधन लकड़ा, धर्मगुरु बंधन तिग्गा, डॉ रवींद्रनाथ भगत, देवकुमार धान, एनएस हेमरोम, अगस्तुस एक्का, बहादुर उरांव, दुलार लकड़ा, धीरज उरांव, धर्मशाह उरांव, सोमा सिंह मुंडा, विशु मुंडा, विश्वनाथ तिर्की, प्रो जलेश्वर भगत, प्रेमचंद मुर्मू व विनय मुंडा को रखा गया है़
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